कपूरथला/रूपनगर/गुरदासपुर,
13 अक्तूबर (निस/एजेंसी)
पंजाब के कपूरथला के एक गांव में विक्रमजीत सिंह (13) ने नम आंखों से अपने पिता नायब सूबेदार जसविंदर सिंह को मुखाग्नि दी जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में शहीद हुए पांच जवानों में शामिल थे। गुरदासपुर और रूपनगर जिलों में नायक मनदीप सिंह और सिपाही गज्जन सिंह के परिवार भी गमगीन थे। जवान सोमवार को हुए ऑपरेशन में शहीद हुए थे। तीनों सैनिकों के पार्थिव शरीर जब सैन्य वाहन में उनके गांव लाये गए तो लोगों ने ‘शहीद अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाये। इस दौरान पाकिस्तान विरोधी नारे भी लगाये गए। ग्रामीणों, विशेषकर युवाओं ने सैन्य वाहनों पर पुष्पवर्षा की। कपूरथला के माना तलवंडी गांव में जसविंदर के बेटे विक्रमजीत और बेटी हरनूर कौर (11) ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को सलामी दी। विक्रमजीत ने नम आंखों से अपने पिता को मुखाग्नि दी और सेना में भर्ती होने का संकल्प लिया। जसविंदर अपने पिता और भाई के बाद सेना में शामिल होने वाले अपने परिवार के तीसरे सदस्य थे। पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की। जसविंदर के अंतिम संस्कार में सैकड़ों ग्रामीणों के अलावा एसजीपीसी की प्रमुख बीबी जागीर कौर, कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा भी शामिल हुए।
इस गुरदासपुर जिले के गांव छठी शिरा में शहीद मंदीप सिंह संस्कार पर कैबिनेेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, स्टेशन कमांडर तिब्बड़ी कैंट ब्रिगेडियर नरिंदर सिंह, कर्नल डीके तिवारी, डीसी मोहम्मद इशफाक, एसएसपी डा. नानक सिंह आईपीएस, एसडीएम डेरा बाबा नानक हरप्रीत सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, विधायक बटाला लखबीर सिंह लोधीनंगल, पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह छोटेपुर, शहीद के बड़े भाई हवलदार जगरुप सिंह, छोटे भाई गुरपिंदर सिंह, पत्नी मनदीप कौर, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग पंजाब के डिप्टी डायरेक्टर कर्नल जसबीर सिंह, लेफ्टिनेंट वरुण चड्डा, शहीद की यूनिट के नायब सूबेदार अमनदीप सिंह, हवलदार कुलविंदर सिंह, हवलदार सुखवंत सिंह, हवलदार कमलजीत, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह आदि ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
चन्नी ने दिया कंधा
ऐसा ही गमगीन दृश्य रूपनगर के पचरंदा गांव में सिपाही गज्जन सिंह के आवास दिखा। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने गज्जन की अर्थी को कंधा दिया। चार भाइयों में सबसे छोटे 27 वर्षीय गज्जन की फरवरी में शादी हुई थी। उनके परिवार में पत्नी हरप्रीत कौर के अलावा उनके माता-पिता हैं। वह आखिरी बार दो महीने पहले अपने एक भाई की शादी में शामिल होने के लिए घर आये थे। गज्जन के पिता चन्नन सिंह ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी। उन्होंने मांग की कि उनके बेटे की याद में गांव के प्रवेश पर एक द्वार बनाया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरित किया जा सके। शहीद जवान के अंतिम संस्कार में स्पीकर राणा केपी सिंह, विधायक अमरजीत सिंह संदोआ और पंजाब युवा कांग्रेस अध्यक्ष बरिंदर सिंह ढिल्लों भी शामिल हुए।