जगाधरी, 25 अप्रैल (निस)
गर्मी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। आसमान से बरस रही तपत से हर कोई बेहाल है। बृहस्पतिवार को जगाधरी इलाके में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह मौसम इंसानों के साथ जीव-जंतुओं के लिए परेशानी बनने लगा है। इसे लेकर पशुपालन विभाग भी सजग हो गया है। पशुओं को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए विभाग ने पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जानकारी के अनुसार विभाग ने पशुओं को धूप में बाहर न निकालने, इन्हें स्वच्छ जल से नहलाने व पानी पिलाने, बासी चारा न देने की अपील की है। इसके अलावा पशु चिकित्सक पशुओं को सूखा भूसा न देने की सलाह भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि पशुपालक विदेशी नस्ल की गायों को लेकर विशेष सजगता बरतें।
वाटर होद में स्वच्छ जल भरा जा रहा है : डा. सतबीर
पशुपालन विभाग के एसडीओ डा. सतबीर सिंह ने बताया कि इसे लेकर शुक्रवार को जिला उपायुक्त विशेष मीटिंग लेेंगे। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग ने गांवों में वाटर होद बनाए हुए हैं। ये हर गांव में कई-कई हैं। उन्होंने बताया कि इनकी सफाई करा इनमें साफ पानी भरा जा रहा है। डा. सतबीर ने बताया कि एक होद में हजारों लीटर पानी भरा जाता है। इससे पशुपालक अपने पशुओं को पानी पिलाने व बाहर खड़ा करके नहला सकते हैं। डा. सतबीर का कहना है कि पशुपालक बाहर से आए पशुओं को एकदम से न नहलाएं। इससे उन्हें सर्द गर्म हो सकता है। इसके अलावा सूखा भूसा खाने को कतई न दें। यह देरी से पचता है। इससे अफारा होने पर पशुओं की सेहत बिगड़ सकती है। डा. सतबीर सिंह के अनुसार नये भूसे को कम से कम दो घंटे पानी में भिगो कर रखें।