संगरूर, 25 अप्रैल (निस)
पंजाब राज्य भर में कृषि विकास बैंकों के कर्मचारियों ने बैंक प्रबंधन और सरकार की छठे वेतन आयोग को लागू न करने, कर्मचारियों की पदोन्नति न करने और बैंक के ऋण वितरण कार्यक्रम को जारी न करने की नीति के खिलाफ संगरूर में विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के अवास सामने धरना दिया। बैंक यूनियन पंजाब के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गिल, महासचिव धर्मेंद्र सिंह संधू, उपाध्यक्ष मनदीप कौर और वित्त सचिव ने संयुक्त प्रेस नोट जारी कर विश्वदीप सिंह बराड़ ने बताया कि उपरोक्त मांगों को लेकर 15 अप्रैल से अनिश्चितकाल के लिए कलम छोड़ हड़ताल जारी है।
इस अवसर पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गिल ने कहा कि पंजाब सरकार ने 01.07.2021 से अपने सभी विभागों के कर्मचारियों पर छठा वेतन आयोग लागू कर दिया है, लेकिन उस समय से इस बैंक के कर्मचारियों को इससे बाहर रखा गया। जिसके संबंध में वर्तमान सरकार पार्टी यूनियन के माध्यम से के लोकसभा उम्मीदवारों ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा जी को एक मांग पत्र भेजा और यूनियन के हड़ताल कार्यक्रम के संबंध में समय-समय पर जानकारी भी दी गयी, लेकिन बैंक कर्मियों के वेतन-कमीशन की फाइल में किस स्तर पर रुकावट आयी है, इसकी जानकारी नहीं है। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि अभी उक्त फाइल का अनुमोदन हुआ है। जबकि इस पर आने वाले खर्च का कोई वित्तीय बोझ पंजाब के सरकारी खजाने पर नहीं पड़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस कर्मचारी संघर्ष को और अधिक तीव्र करते हुए आज पंजाब के मुख्यमंत्रीऔर सहकारिता मंत्री भगवंत मान और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के आवास पर शांतिपूर्ण विरोध मार्च के दौरान बैंक कर्मचारियों के लिए छठा वेतन आयोग लागू किया जाए।
यूनियन की ओर से उन्हें बैंक का ऋण वितरण शुरू करने व अन्य जायज मांगों को लेकर एक मांग पत्र भेजा गया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि आगामी दिनों में मांगें नहीं मानी गयीं तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा, जिसमें आप प्रत्याशियों के खिलाफ उनके विधानसभा क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
अध्यक्ष ने आगे कहा कि बैंक द्वारा रबी की वसूली जो इस समय अपने चरम पर है, के कारण पंजाब में इस बैंक को होने वाली वित्तीय हानि के लिए बैंक प्रबंधन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा।