विश्व भारती/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 दिसंबर
पंजाब में स्टेट हेल्थ एजेंसी से जुड़ा एक और घोटाला सामने आया है। स्वास्थ्य बीमा योजना चलाने के लिए जिस कंपनी को कर्मचारी उपलब्ध कराने का जिम्मा दिया गया था, उसने करीब 300 कर्मचारियों के लगभग 3 करोड़ रुपये हड़प लिए हैं, जो उनके कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों में जमा किए जाने थे। सरकार द्वारा संचालित स्टेट हेल्थ एजेंसी को भेजे नोटिस में ईपीएफओ ने इसे धोखाधड़ी करार दिया है।
आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना के संचालन के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से ‘आरोग्य मित्र’ नियुक्त किए थे। इन्हें सरकारी अस्पतालों में तैनात किया गया था। फरवरी 2020 में, लगभग 300 आरोग्य मित्र नियुक्त करने के लिए सरकार ने एक निजी कंपनी, एमडी इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
हालांकि, कंपनी पर गंभीर आरोप थे कि वह न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं कर रही और कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों की भविष्य निधि व पेंशन निधि जमा करने से भी इनकार कर रही थी। ये कर्मचारी पिछले 32 महीनों से कंपनी के साथ काम कर रहे थे, लेकिन इसने उनके ईपीएफ खाते नहीं खोले।
कुछ कर्मचारियों ने सरकार को शिकायत दी। इसके बाद शुरू हुई जांच में पाया गया कि आउटसोर्सिंग कंपनी इन कर्मचारियों को ईपीएफ और पेंशन लाभ से वंचित कर रही है। आरटीआई कार्यकर्ता और मामले में शिकायतकर्ता भगवान दास ने कहा, ‘यह कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को लूटने के अलावा और कुछ नहीं है। स्टेट हेल्थ एजेंसी उनके अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है।’
ईपीएफओ ने अब स्टेट हेल्थ एजेंसी को नोटिस जारी कर कहा है कि कंपनी राज्य ईपीएफओ, ईएसआईसी और श्रम विभाग को धोखा दे रही है। ईपीएफओ ने सरकार से कंपनी का ईपीएफ कोड मुहैया कराने को कहा है ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
क्या कहते हैं कंपनी अधिकारी
पंजाब का काम संभाल रहे कंपनी के मैनेजर दिनेश कुंडू ने कहा कि आरोग्य मित्र सलाहकार के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम उनका टीडीएस काटते हैं, लेकिन ईपीएफ और ईएसआई नहीं।’ कंपनी के दावों के विपरीत, आरोग्य मित्र पूर्णकालिक कर्मचारियों के रूप में काम करते हैं, जो सप्ताह में छह दिन सुबह 8 बजे से शाम 6:30 बजे तक ड्यूटी करते हैं।