चंडीगढ़, 8 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब में एक महीने से भी कम समय में पुलिस सुरक्षा में 3 लोगों की हत्या कर दी गई है, जो इस तरह की हत्याओं को रोकने में पुलिस की क्षमता पर सवालिया निशान खड़ा करता है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में गैंगस्टर मनमर्जी करते दिख रहे हैं, जबकि पुलिस आपराधिक समूहों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई करने का दावा कर रही है। बुधवार को जालंधर के नकोदर में एक व्यापारी भूपिंदर सिंह उर्फ टिम्मी चावला की हत्या पुलिस के लिए तीसरा और सबसे दु:खद मामला है क्योंकि उसकी सुरक्षा के लिए तैनात एक बंदूकधारी भी हमले में मारा गया। कांस्टेबल मनदीप सिंह चावला की कार में आगे की सीट पर बैठा था, जब चार हमलावरों ने व्यापारी पर गोलियां चला दीं। कांस्टेबल ने आज दम तोड़ दिया। व्यापारी के परिवार ने बताया कि बदमाशों ने उससे 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।
इससे पहले, बेअदबी के मामले में आरोपी और डेरा अनुयायी प्रदीप सिंह की 10 नवंबर को फरीदकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके गनमैन, एक होमगार्ड कांस्टेबल को गोली लगी थी। पुलिस सुरक्षा प्राप्त शिवसेना नेता सुधीर सूरी की 4 नवंबर को अमृतसर में हत्या कर दी गई थी।