हरीश लखेड़ा/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 16 जनवरी
कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शनिवार से देश में शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह साढ़े 10 बजे वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से इस अभियान की शुरुआत की। पहले दिन करीब 3 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 3352 केंद्रों पर 1,91,181 स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को कोवैक्सीन व कोविशील्ड की पहली खुराक दी गयी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यही वैक्सीन अब भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलायेगी। उन्होंने समझाया कि मास्क, दो गज की दूरी और साफ-सफाई, ये टीके के दौरान भी और बाद में भी जरूरी रहेंगे। उन्होंने कहा कि टीका लग गया तो इसका अर्थ ये नहीं कि आप कोरोना से बचाव के दूसरे तरीके छोड़ दें। अब हमें नया प्रण लेना है- दवाई भी, कड़ाई भी!
मोदी ने कहा कि इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया। यह अभियान कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि दुनिया के कई देशों की आबादी 3 करोड़ से कम है और भारत पहले ही चरण में 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। बहरहाल, कोराेना के टीकाकरण अभियान के तहत प्रत्येक सेंटर पर एक दिन में औसतन 100 लोगों काे वैक्सीन लगाई जा रही है। दिल्ली के एम्स में सबसे पहला टीका सफाई कर्मचारी को लगाया गया। अभियान के पहले चरण में डॉक्टर, नर्स, मेडिकल-पैरा मेडिकल स्टाफ, अस्पताल के सफाई कर्मी आदि को वैक्सीन लगाई जा रही है। दूसरे चरण में जरूरी सेवाओं और देश की रक्षा या कानून-व्यवस्था से जुड़े लोगों को टीका लगेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि ये टीके महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारी ‘संजीवनी’ हैं।
भावुक हुए पीएम
कोरोना के शुरुआती दिनों और इस महामारी से जान गंवाने वाले लोगों का उल्लेख करते हुए मोदी भावुक हो गये। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर बीमारी में पूरा परिवार बीमार व्यक्ति की देखभाल के लिए जुट जाता है। लेकिन इस बीमारी ने तो बीमार को ही अकेला कर दिया। जो हमें छोड़कर चले गये, उनको परंपरा के मुताबिक वो विदाई भी नहीं मिल सकी जिसके वो हकदार थे।
वैज्ञानिकों को सराहा
प्रधानमंत्री ने वैक्सीन के कार्य से जुड़े लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन लोगों ने पूरे साल ऋषि की तरह अपनी लैब में जीवन खपा दिया और ये वैक्सीन देश और मानवता को दी। इतने कम समय में दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुईं। ऐसी ही उपलब्धियों के लिए रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था- मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है!
अफवाहों से बचें, 2 डोज जरूरी
पीएम ने टीकाकरण को लेकर अफवाहों से बचने की सलाह देने के साथ ही धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की 2 डोज जरूरी है। दोनों डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल रखा जाएगा। दूसरी डोज के 2 हफ्ते बाद ही शरीर में कोरोना के विरुद्ध जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी।
सहमति पत्र हस्ताक्षर के बाद लगाई कोवैक्सीन
नयी दिल्ली (एजेंसी) : एम्स में शनिवार को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सहमति पत्र (कंसेंट फॉर्म) बनाया गया, जिस पर उन्हें हस्ताक्षर करने थे। इस फॉर्म में कहा गया है कि अगर टीके की वजह से किसी तरह का दुष्प्रभाव या गंभीर प्रभाव पड़ता है तो मुआवजा दिया जाएगा। फॉर्म में कहा गया है, ‘क्लीनिकल प्रभावशीलता संबंधी तथ्य को स्थापित किया जाना अभी बाकी है और इसका अभी भी चरण-3 क्लीनिकल ट्रायल में अध्ययन किया जा रहा है।’ एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और नीति आयोग के सदस्य डाॅ. वीके पॉल ने भी फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के बाद टीका लगवाया।
15158 नये मामले
नयी दिल्ली (एजेंसी) : देश में 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 15158 नये मामले सामने आये, जबकि 16977 रोगी ठीक हुए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शनिवार सुबह जारी इन आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 175 संक्रमितों की जान गयी। वहीं, ब्रिटेन में पाये गये कोरोना के नये प्रकार के संक्रमितों की देश में संख्या 116 हो गयी है। कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 96.56 फीसदी हो गयी है।