नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (एजेंसी)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले के ‘मुख्य साजिशकर्ता’ हैं। ईडी ने दावा किया कि केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया और वह आबकारी नीति में दिए गए लाभ के बदले में शराब व्यवसायियों से ‘रिश्वत मांगने’ में भी संलिप्त थे। एजेंसी ने 734 पन्नों के अपने जवाबी हलफनामे में ये दावे किए।
एजेंसी ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल कुछ चुनींदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने की साजिश में संलिप्त थे।’ इसने कहा कि याचिकाकर्ता अपने ओहदे का हवाला देकर खुद के लिए एक विशेष श्रेणी बनाने का प्रयास कर रहा है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। एजेंसी ने केजरीवाल के उस तर्क का खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि गिरफ्तारी बुनियाद और सिद्धांत का उल्लंघन करती है। ईडी ने कहा कि केजरीवाल को प्रामाणिक आधार पर गिरफ्तार किया गया है, किसी दुर्भावना के आधार पर नहीं। हलफनामे में ईडी ने बताया कि केजरीवाल गोवा चुनाव में ‘आप’ के अभियान में अपराध से आर्जित आय के इस्तेमाल में भी संलिप्त थे। शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस देते हुए केजरीवाल की याचिका पर जवाब मांगा था।
झूठ बोलने की मशीन बन गयी है ईडी : आप
आप ने आरोप लगाया कि ईडी ‘झूठ बोलने की मशीन’ बन गई है। आप ने कहा, ‘हर बार ईडी अपने आकाओं, भाजपा के कहने पर नए-नए झूठ लेकर आती है।’ सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगी।