आगरा, 25 अप्रैल (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुष्टीकरण की राजनीति को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन का आधार बताते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ये दोनों दल पिछले दरवाजे से अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) का हक छीनकर अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं।
मोदी ने आगरा से भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल और फतेहपुर सीकरी से पार्टी उम्मीदवार राजकुमार चाहर के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा, ‘देश ने तुष्टिकरण की राजनीति बहुत देखी है। इस राजनीति ने देश को टुकड़ों-टुकड़ों में बांटकर रख दिया है। सपा और कांग्रेस का गठबंधन घोर तुष्टीकरण में जुटा है। इस चुनाव में कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है उस पर शत प्रतिशत मुस्लिम लीग की छाप है।’ उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा, ‘यहां उत्तर प्रदेश में जो दो लड़कों में दोस्ती है इसका भी आधार तुष्टीकरण की राजनीति ही है।’ मोदी ने दावा किया कि भाजपा ‘संतुष्टीकरण’ पर जोर देते हुए बिना किसी भेदभाव के सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ दे रही है। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद से ही यह स्पष्ट हो गया है कि भारत में धर्म के आधार पर कभी आरक्षण नहीं दिया जाएगा। मगर कांग्रेस ने कभी कर्नाटक में तो कभी आंध्र प्रदेश में और कभी अपने घोषणा पत्र में बार-बार धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत की। देश का संविधान और देश की अदालतें कांग्रेस को ऐसा करने से बार-बार मना कर चुकी हैं। उनकी हर बात को देश की न्यायपालिका ने ठुकरा दिया। इसलिए अब कांग्रेस ने पिछले दरवाजे से खेल शुरू किया।’ उन्होंने कहा, ‘अब इंडी गठबंधन वालों का यह भी कहना है कि वह आपकी विरासत पर भी लूट करेंगे…।’
इंदिरा की संपत्ति बचाने को राजीव ने खत्म किया विरासत कर
मुरैना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1984 में उनकी मां इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति को सरकार के पास जाने से बचाने के लिए विरासत कर को समाप्त कर दिया था। मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब इस कर प्रावधान को फिर से लागू करना चाहती है। मध्य प्रदेश के मुरैना में एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस ने जो पाप किए हैं, उनके बारे में कान खोलकर सुनो। जब बहन इंदिरा गांधी का निधन हुआ, तो एक कानून था जिसके तहत आधी संपत्ति सरकार को जाती थी। उस समय ऐसी चर्चाएं थीं कि इंदिराजी ने अपनी संपत्ति अपने बेटे राजीव गांधी के नाम कर दी थी। सरकार को जाने वाले पैसे बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विरासत कर को खत्म कर दिया था।’