नयी दिल्ली, 6 अक्तूबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बुजुर्गों को पेंशन, प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम और वृद्धावस्था में देखभाल के स्तर से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने राज्यों को अपनी रिपोर्ट में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति का भी खुलासा करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा, ‘संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उपरोक्त तीन प्रमुख बिंदुओं पर अपनी मौजूदा योजनाओं की जानकारी केंद्र सरकार के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को सौंपे। सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दो माह की अवधि के भीतर जानकारी एकत्र करने के बाद केंद्र सरकार एक माह के भीतर संशोधित स्थिति रिपोर्ट सौंपेगी।’
शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई अब जनवरी 2023 में करेगी। शीर्ष अदालत देश भर में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ वृद्धाश्रम स्थापित करने संबंधी पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 के प्रभावी कार्यान्वयन की भी मांग की है।