नयी दिल्ली, 10 अगस्त (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अड़मान निकोबार द्वीपसमूह को देश की मुख्य भूमि के साथ तीव्र गति के आप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ने की परियोजना का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने देश में जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटवर्क को मजबूत और व्यापक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत खुद को वैश्विक विनिर्माण, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य शृंखला के बड़े केंद्र के रूप में स्थापित करने में जुटा है। यह परियोजना 1,224 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है। 30 दिसंबर 2018 को परियाजना का शिलान्यास किया था। मोदी ने कहा कि भारत आज हिंद प्रशांत क्षेत्र में व्यापार-कारोबार और सहयोग की नयी नीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, खुद को वैश्विक विनिर्माण केंद्र, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में स्थापित करने में जुटा है, तब जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटर्क को मजबूत बनाने की जरूरत है। गहरे समुद्र की तलहटी में बिछाई गई करीब 2,300 किलोमीटर लंबी यह केबल पोर्ट ब्लेयर के साथ ही क्षेत्र के अन्य द्वीपों, स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी इस ब्राडबैंड सुविधा से जोड़ेगा। इससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी। इसके साथ ही तीव्र गति की संचार सेवाओं से राजकाज के काम में मदद मिलेगी। पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान निकोबार में आज जितनी भी आधुनिक ढांचागत सुविधायें तैयार हो रही हैं, वो समुद्री क्षेत्र से जुड़ी अर्थव्यवस्था को गति देगें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंडमान निकोबार बंदरगाह से जुड़ी गतिविधियों के विकास के केंद्र के रूप में विकसित होने वाला है।