इस्लामाबाद, 4 अगस्त (एजेंसी)
पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने कुलभूषण जाधव मामले में 3 वरिष्ठ अधिवक्ताओं को न्याय मित्र नामित किया है। साथ ही पाकिस्तान सरकार को सजायाफ्ता कैदी के लिए एक वकील नियुक्त करने का भारत को ‘एक और मौका’ देने का आदेश दिया है। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में फैसला दिया था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि एवं सजा की ‘प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार’ करना चाहिए और बिना किसी देरी के भारत को राजनयिक पहुंच देने की अनुमति भी देनी चाहिए।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्ला और न्यायमूर्ति मियांगुल औरंगजेब की पीठ ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की पाकिस्तान सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए 3 वकीलों को नियुक्त किया। इनमें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष-आबिद हसन मंटो व हामिद खान तथा पाकिस्तान के पूर्व अटॉर्नी जनरल मखदूम अली खान शामिल हैं। न्याय मित्र वह वकील होता है जिसे किसी मामले में सहायता करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त किया जाता है। अदालत ने मामले के लिए एक वृहद पीठ के गठन का भी आदेश दिया है। अदालत के रजिस्ट्रार को 3 सितंबर दोपहर 2 बजे वृहद पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई निर्धारित करने का भी निर्देश दिया गया।