नयी दिल्ली, 16 अक्तूबर (एजेंसी)
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शनिवार को फैसला किया कि अगले साल 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। इसी बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह एक बार फिर से कमान संभालें। इस पर राहुल ने कहा कि इस बारे में वह विचार करेंगे। बैठक में संबोधन के दौरान सोनिया गांधी ने ‘जी 23’ समूह के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं और उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजनीतिक हालात, कृषि संकट, किसानों पर हमले और महंगाई पर 3 प्रस्ताव भी पारित किए गए। बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संगठनात्मक चुनाव का पूरा कार्यक्रम सामने रखा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी समेत करीब 45 नेता शामिल हुए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अस्वस्थ होने के कारण और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, ओमन चांडी, आरपीएन सिंह निजी कारणों से बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए। भूपेश बघेल और कई अन्य नेताओं ने इसका समर्थन किया। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष हैं।
बैठक में संबोधन के दौरान सोनिया ने जोर देकर कहा, ‘अगर आप मुझे बोलने की इजाजत दें तो मैं पूर्णकालिक और सक्रिय अध्यक्ष हूं… पिछले 2 वर्षों में कई साथियों और खासकर युवा नेताओं ने नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उठाई है और पार्टी की नीतियों को लोगों तक लेकर गए हैं।’ उन्होंने ‘जी 23’ के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘मैंने सदा स्पष्टवादिता की सराहना की है। मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है। इसलिए हम सभी यहां खुली और ईमानदार चर्चा करते हैं। लेकिन इस चारदीवारी से बाहर जो बात जाए, वो सीडब्ल्यूसी का सामूहिक फैसला होना चाहिए।’
पार्टी के ‘जी 23’ समूह के नेताओं की ओर से पार्टी के भीतर संवाद की मांग किए जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में यह बैठक हुई।
कानून, महंगाई और अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना
सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी हिंसा, महंगाई, विदेश नीति और चीन की आक्रामकता के मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने और शांति व सौहार्द बहाल करने की जिम्मेदारी केंद्र की है। उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना का हवाला देते हुए कहा कि इससे किसान आंदोलन को लेकर भाजपा की सोच का पता चलता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने संसद से जो ‘तीन काले कानून’ पारित करवाएं हैं, वो कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का सिर्फ एक ही उपाय जानती है और यह है उन राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचना, जिनको बनाने में दशकों का समय लगा। सोनिया ने कहा, ‘मोदी सरकार का एक सूत्री एजेंडा ‘बेचो, बेचो और बेचो’ है… देश में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये लीटर होगी।’