नयी दिल्ली, 24 अक्तूबर (एजेंसी)
केंद्र सरकार ने कर्जदारों को बड़ी राहत दी है। उसने बैंकों से कर्ज लेने वालों को एक तरह से दिवाली का तोहफा देते हुए दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज पर ब्याज से राहत देने की घोषणा की है। यह राहत सभी कर्जदारों को मिलेगी, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से 6 महीने की दी गयी छूट का लाभ उठाया हो या नहीं। साथ ही सरकार ने व्यक्तिगत करदाताओं को राहत देते हुए वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समयसीमा बढ़ा दी है। सरकार ने इसे एक महीने और बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है। पहले यह 30 नवंबर थी।
केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ब्याज पर ब्याज राहत योजना लागू करने का निर्देश देने के बाद इसके परिचालन के दिशानिर्देश जारी कर दिये। इस योजना के क्रियान्वयन से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। शीर्ष अदालत ने 14 अक्तूबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक की किस्तों के भुगतान से छूट की योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज माफ करने के बारे में यथाशीघ्र निर्णय ले। मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार कर्जदार विनिर्दिष्ट ऋण खातों पर एक मार्च से 31 अगस्त 2020 के लिये इस योजना (ब्याज राहत) का लाभ उठा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि जिन कर्जदारों के ऋण खाते की मंजूर सीमा या कुल बकाया राशि 29 फरवरी तक दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं है, वे इस योजना का लाभ उठाने के पात्र होंगे। दिशानिर्देशों में बतायी गयी पात्रता शर्तों के अनुसार, 29 फरवरी तक इन खातों का मानक होना अनिवार्य है। मानक खाता उन खाताओं को कहा जाता है, जिन्हें गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) नहीं घोषित किया गया हो। इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड का बकाया, वाहन ऋण, एमएसएमई ऋण, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद ऋण और उपभोग ऋण के धारकों को लाभ मिलेगा। योजना के तहत, कर्ज देने वाले संस्थानों को योजना की अवधि के लिये पात्र कर्जदारों के संबंधित खातों में संचयी ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर की राशि जमा करनी होगी। योजना में कहा गया है कि कर्जधारक ने रिजर्व बैंक के द्वारा 27 मार्च 2020 को घोषित किस्त भुगतान से छूट योजना का पूर्णत: या अंशत: लाभ का विकल्प चुना हो यह नहीं, उसे ब्याज राहत का पात्र माना जायेगा।