नयी दिल्ली, 21 जनवरी (एजेंसी)
इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति का शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ के साथ विलय कर दिया गया। आज एक संक्षिप्त समारोह में अमर जवान ज्योति से अग्नि का एक हिस्सा लिया गया और उसे इंडिया गेट से 400 मीटर दूर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (एनडब्ल्यूएम) में जल रही लौ के साथ मिला दिया गया। एकीकृत रक्षा प्रमुख एयर मार्शल बीआर कृष्णा ने इस समारोह की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां ग्रेनाइट के पत्थरों पर 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।
इस दौरान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय करने को लेकर पूर्व सैनिकों की तरफ से मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक ने केंद्र के फैसले का समर्थन करते हुए ट्विटर पर कहा कि अब लौ का विलय होना ‘स्वाभाविक बात’ है, क्योंकि राष्ट्रीय समर स्मारक की स्थापना हो चुकी है और शहीद सैनिकों के स्मरण और सम्मान से संबंधित सभी समारोह वहां आयोजित किए जा रहे हैं। पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने हालांकि ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए उनसे इस कदम को रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘श्रीमान, इंडिया गेट पर जल रही लौ भारतीय मानस का हिस्सा है। आप, मैं और हमारी पीढ़ी के लोग वहां हमारे वीर जवानों को सलामी देते हुए बड़े हुए हैं।’ एक ओर जहां राष्ट्रीय समर स्मारक का अपना महत्व है, वहीं दूसरी ओर अमर जवान ज्योति की स्मृतियां भी अतुल्य हैं। अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 के युद्ध में भारत द्वारा पाकिस्तान को हराए जाने के बाद युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में की गयी थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी, 1972 को इसका उद्घाटन किया था।
….मतलब इतिहास को मिटाना : कांग्रेस
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने अमर जवान ज्योति की लौ का राष्ट्रीय समर स्मारक पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने के विषय को लेकर शुक्रवार को आरोप लगाया कि यह कदम सैनिकों के बलिदान के इतिहास को मिटाने की तरह है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया, ‘अमर जवान ज्योति को बुझाना उस इतिहास को मिटाने की तरह है जो पाकिस्तान के दो टुकड़े करने और दक्षिण एशिया के मानचित्र को बदलने वाले 3,483 बहादुर सैनिकों के बलिदान का प्रतीक है।’
पीएम ने की घोषणा…
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश के इस महान सपूत के प्रति आभार के प्रतीक के रूप में इंडिया गेट पर उनकी ग्रेनाइट की एक प्रतिमा लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘ऐसे समय में जब देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे आपसे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट की बनी उनकी एक भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति देश के आभार का प्रतीक होगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक नेताजी की ग्रेनाइट की प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उस स्थान पर उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा वहां लगाई जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा का वह 23 जनवरी को नेताजी की जयंती के अवसर पर लोकार्पण करेंगे।
28 फुट ऊंची और छह फुट चौड़ी होगी प्रतिमा
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नेताजी की ग्रेनाइट की प्रतिमा 28 फुट ऊंची और छह फुट चौड़ी होगी और यह उस मंडप में स्थापित की जाएगी जहां कभी किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी और जिसे 1968 में हटा दिया गया था। अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय समर स्मारक पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने को लेकर हो रही आलोचनाओं पर सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह देखकर विचित्र लगता है कि अमर जवान ज्योति की ‘लौ’ 1971 एवं दूसरे युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए है, लेकिन इनमें से किसी का नाम वहां मौजूद नहीं है। इंडिया गेट पर कुछ उन शहीदों के नाम अंकित हैं जो प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में ब्रिटिश शासन के लिए लड़े और ऐसे में ये हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है। सूत्रों ने कहा कि जिन लोगों ने 7 दशकों में कोई राष्ट्रीय समर स्मारक नहीं बनाया, वे आज हल्ला मचा रहे हैं, जब शहीदों को एक सच्ची श्रद्धांजलि दी जा रही है।
गलत सूचनाएं दी जा रही
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ‘अमर जवान ज्योति के संदर्भ में कई तरह की गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं। सही बात यह है कि अमर जवान ज्योति की ‘लौ’ को बुझाया नहीं, राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ मिलाया जा रहा है।’