हरीश लखेड़ा/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 12 अगस्त
काेरोना काल में शहरों को वायु प्रदूषण से तो मुक्ति मिली है। इस काल में भले ही हर मोर्चे पर चुनौतियां खड़ी हों, लेकिन सांस लेने के लिए हवा तो शुद्ध मिल रही है। वायु प्रदूषण के लिए जाने जाते रहे शहरों की हवा मार्च से ही शुद्ध है। वैसे अनलॉक शुरू हो जाने तथा मानसून गुजर जाने के बाद फिर से वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।
इसके संकेत मिलने भी लगे हैं। हरियाणा के सोनीपत और बल्लभगढ़ के साथ ही पंजाब के लुधियाना में भी पिछले 24 घंटे के दौरान हवा की गुणवत्ता में कमी आनी शुरू हो गई है। इन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ‘सामान्य’ हालत में पहुंच गया। दिल्ली समेत एनसीआर में फिलहाल हवा अभी यह इंडेक्स संतोषजनक स्थिति में है। चंडीगढ़ में हवा की गुणवत्ता बेहतर पाई गई। वैसे मानसून के कारण कहीं न कहीं बारिश हो जाने से अभी वायु प्रदूषण नियंत्रण में है लेकिन देशभर में अब कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स तीसरे पायदान तक पहुंच गया है। हरियाणा के बलल्भगढ़ में एक्यूआई 178 तथा सोनीपत में 107 तक पहुंच गया जबकि दिल्ली व एनसीआर के शहरों नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद में एक्यूआई संतोषजनक रहा। भोपाल, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरु में भी फिलहाल तो एक्यूआई बेहतर से संतोषजनक है। बड़े शहरों में अहमदाबाद में यह सामान्य है। कोराेना की जंग में मार्च के अंतिम दिनों से शुरू लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई में शहरों की हवा भी पहाड़ों की तरह शुद्ध हो गई थी लेकिन अब वाहनों के सड़क पर उतर जाने तथा उद्योग धंधों तथा निर्माण कार्य के शुरू हो जाने के बाद हवा में प्रदूषित कणों की मात्रा बढ़ने लगी है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स को 0-50 के बीच ‘बेहतर’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। वहीं, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।