शिमला, 15 सितंबर (निस)
पहाड़ों पर बिना किसी रोक-टोक के घूमना एक बार फिर हकीकत बन गया है। कोरोना महामारी के कारण हिमाचल आने पर लगी सभी शर्तें खत्म हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की आज शिमला में हुई बैठक में जयराम सरकार ने कोरोना महामारी के तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के बीच राज्य के सभी प्रवेश द्वार बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए बेरोक टोक खोल दिये। अब हिमाचल में आने के लिए किसी को किसी प्रकार का पंजीकरण नहीं करवाना होगा। हालांकि हिमाचल से अंतर्राज्यीय परिवहन सेवाएं फिलहाल बंद रहेंगी और राज्य की परिवहन व्यवस्था प्रदेश के भीतर ही घूमेगी। प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को खोलने का भी फिलहाल सरकार ने फैसला टाल दिया है।
हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर 25 मार्च को आरंभ हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडॉउन के बाद से बंद हैं। केंद्र सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ करने के बावजूद हिमाचल में अभी तक आने-जाने के लिए कई शर्तें थी और लोगों को बाहरी राज्यों से हिमाचल आने के लिए पंजीकरण करवाना जरूरी था। यही नहीं हिमाचल घूमने के इच्छुक पर्यटकों को न्यूनतम दो रातें यहां रुकना और आने से पहले कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अपने साथ लाना जरूरी था। यही नहीं बिना पंजीकरण के न तो पर्यटक और न ही कोई अन्य व्यक्ति प्रदेश में प्रवेश पा सकता था। इन सब शर्तों को सरकार ने आज खत्म कर दिया। बाहरी राज्यों से हिमाचल घूमने आने वाले लोगों की भीड़ भाड़ को रोकने के लिए फिलहाल परिवहन व्यवस्था उपलब्ध नहीं होगी क्योंकि जयराम ठाकुर सरकार ने अंतर्राज्यीय परिवहन पर फिलहाल रोक जारी रखने का निर्णय लिया है। ऐसे में हिमाचल घूमने आने वाले अथवा अन्य कामों से प्रदेश आने वालों को अपने वाहनों में ही यहां आना होगा।
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के नेरवा को नगर पंचायत और लम्बलू व परवाणू को उपतहसील बनाने के फैसले पर भी अपनी मुहर लगाई। मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले आवासों के लाभार्थियों को मिलने वाले उपदान में 20 हजार रुपए की बढ़ोतरी करने और उपदान की राशि 1.65 लाख से बढ़ाकर 1.85 लाख करने को भी मंजूरी दी।