शिमला, 25 अप्रैल (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 30 अप्रैल के लिए टल गई है। तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे मंजूर न करने और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के खिलाफ याचिका दायर की है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर आज सुनवाई हुई। प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी होने के बाद कुछ समय के लिए विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा। की। उन्होंने मामले पर अपनी ओर से अगली बहस के लिए सुनवाई 30 अप्रैल दोपहर बाद सवा 4 बजे निर्धारित करने का आग्रह किया जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकारते हुए सुनवाई 30 अप्रैल के लिए रखी गई। निर्दलीय विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थियों को इस्तीफे का कारण बताने को बाध्य नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं, किसी विधायक को कानून के तहत इस्तीफे का कारण देने की मनाही है। निर्दलीय विधायकों की ओर से उन्हें स्पीकर द्वारा जारी किए कारण बताओ नोटिस का हवाला देते हुए कहा गया कि विधानसभा अध्यक्ष ने भी उनके इस्तीफे की बात स्वीकार की है। फिर भी उनके इस्तीफे मंजूर नहीं किए जा रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अदालत विधानसभा अध्यक्ष को उन्हें संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करने से नहीं रोक सकती जिसके तहत स्पीकर को इस्तीफे के कारणों की जांच का अधिकार दिया गया है।
निर्दलीय विधायकों पर दबाव को दर्शाते हुए कहा गया कि राज्यसभा चुनाव के बाद ये निर्दलीय विधायक सीआरपीएफ की सुरक्षा में प्रदेश से बाहर रहे और इसी सुरक्षा में आकर अपने इस्तीफे सौंपे। बहस पूरी न होने पर आगामी सुनवाई मंगलवार को निर्धारित की गई है।