ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 22 मई
हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में जैसे-जैसे एसआईटी जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे इस मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। इस बहुचर्चित मामले में एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में पता चला है कि पेपर लीक करने और इसे आगे बेचने वाले एजेंटों ने अभ्यार्थियों के दसवीं और बारहवीं के असली प्रमाणपत्र तक अपने पास रख लिए थे ताकि प्रश्नपत्र हासिल करने और परीक्षा पास कर लेने के बाद कोई भी अभ्यर्थी उन्हें पैसा देने के मामले में उनके साथ ठगी न कर सके।
जानकारी के मुताबिक इस मामले की अभी तक जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले में गिरफ्तार पांच एजेंटों से 10.34 लाख रुपए नकद, 137 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप और 10 हार्ड डिस्क बरामद की है। इसके अलावा इस मामले में शामिल कोचिंग संस्थानों की पासबुक, चेकबुक, पैनकार्ड, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, हाजिरी रजिस्टर, आगंतुक रजिस्टर, पेपर लीक मामले के दौरान प्रयोग हुए हवाई टिकट और पेपर लीक करने के लिए हुई व्हाट्स ऐप चैट तथा उसके स्क्रीन शॉट भी एसआईटी जुटा चुकी है। इस मामले में एसआईटी ने अभी तक कुल 91 लोग गिरफ्तार किए हैं जिनमें 15 एजेंट और बिचौलिये, 63 अभ्यार्थी तथा तीन अभ्यार्थियों के अभिभावक भी शामिल हैं। इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता शिव बहादुर सिंह को भी एसआईटी गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में गिरफ्तार किए गए 15 एजेंटों और बिचौलियों में से 10 दूसरे राज्यों के हैं। मामले का मुख्य साजिशकर्ता शिव बहादुर सिंह इससे पहले देश के विभिन्न राज्यों में हुए जेबीटी, टीजीटी के पेपर घोटाले, इंस्पेक्टर ग्रेड-1 पेपर लीक मामले, जेईई पेपर लीक मामले और पंजाब में सिंचाई विभाग में एसडीओ भर्ती मामले, रेलवे भर्ती घोटाले और मेडिकल प्रवेश परीक्षा घोटाले में भी शामिल रहा है।
हो सकती है सीबीआई जांच
इस बीच हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा पत्र लीक मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों को सीबीआई को सौंपने की भी तैयारी कर ली है। इसके लिए सभी दस्तावेज तैयार हैं और कभी भी मामला सीबीआई को सौंपा जा सकता है। प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए 6 अलग-अलग टीमों का गठन किया था जिसमें जांच टीम के अलावा दस्तावेज टीम, छापामारी टीम, साइबर अपराध जांच टीम, पूछताछ टीम और वित्तीय जांच टीम शामिल है।