शिमला, 15 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में भू-अधिनियम की धारा 118 के 87 मामले सरकार के पास लंबित हैं, जबकि 122 मामले अधूरी जानकारी के चलते संबंधित डीसी को वापस भेज दिये गये हैं। लंबित 87 मामलों की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इन्हें मंजूरी दे दी जाएगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह जानकारी भाजपा सदस्य रमेश ध्वाला के मूल प्रश्न और अरुण कुमार के अनुपूरक प्रश्न के जवाब में दी।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि एक जनवरी 2018 के बाद 31 अगस्त 2020 तक धारा-118 के तहत अगल-अलग कार्यों के लिए 417 अनुमतियां दी गई हैं। वहीं, रिहायश के लिए 388 मामलों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व 2013-2017 के बीच कांग्रेस सरकार ने विभिन्न मामलों में 543 को मंजूरी दी और 844 हाउसिंग की मंजूरी दी है।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने ईज आफ डूइंग बिजनेस के लिए भू-अधिनियम की धारा में कोई परिवर्तन नहीं किया है। केवल नियमों में परिवर्तन किया है जबकि एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया
है। कांग्रेस सदस्य विक्रमादित्य सिंह के सवाल पर कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि टुटू सब्जी मंडी की जमीन के मामले का टाइटल अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है। जैसे ही कोर्ट से इस मामले में कोई निर्णय आयेगा, सरकार सब्जी मंडी के निर्माण की प्रक्रिय़ा को आगे बढ़ायेगी।
भाजपा सदस्य नरेंद्र ठाकुर के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ़ राजीव सहजल ने कहा कि हमीरपुर में मेडिकल कालेज के निर्माण का कार्य दिल्ली की एक कंपनी को अवार्ड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसका निर्माण सीपीडब्ल्यूडी द्वारा जल्द कार्य शुरू कर दिया जायेगा।
भाजपा सदस्य अर्जुन सिंह के सवाल पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि पौंग बांध सबसे बड़ा वेटलैंड है। यहां पर खेती करने के लिए कानून को नहीं तोड़ा जाएगा, लेकिन किसानों को भी तंग नहीं किया जाएगा।
लड़भड़ोल में महीने में चार दिन बैठेंगे एसडीएम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मंडी जिले के जोगेंद्रनगर हलके के लड़भड़ोल में लोगों की समस्या को देखते हुए जोगेंद्रनगर के एसडीएम को महीने में चार दिन बैठना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि लड़भड़ोल में एसडीएम का पद सृजित करने का सरकार ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।
बेनामी सम्पत्तियों के मुद्दे पर वाकआउट
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज विपक्ष ने राज्य में बेनामी संपत्तियों और जमीनों की खरीद-फरोख्त का मामला उठाते हुए सदन में हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य राजेंद्र राणा ने राज्य में जमीन खरीद का मामला उठाया, लेकिन अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उन्हें यह कहकर इजाजत नहीं दी कि मामले को आगामी कार्यवाही के लिए सरकार को भेजा है। इसके बाद विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की। अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बावजूद विपक्षी सदस्य अपनी बात
पर अड़े रहे और बात न माने जाने पर सदन से वॉकआउट कर गये। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि आज सुबह नियम 67 के तहत कांग्रेस सदस्यों ने बेनामी संपत्तियों और जमीन
की खरीद-फरोख्त पर चर्चा करने को स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस नोटिस को सरकार को प्रेषित कर दिया है और वहां से उत्तर आते ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का निर्णय आने के बाद वह इस मामले पर चर्चा का समय देंगे।
विपक्ष का स्पीकर कार्यालय के बाहर धरना
शिमला (निस) : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने आज विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत कई कांग्रेस सदस्य सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे। उनका आरोप था कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही। कुछ देर धरना देने के बाद वे उठे और फिर अध्यक्ष के साथ उनकी बैठक हुई।