नयी दिल्ली, 1 जुलाई (एजेंसी)
सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के अन्य देशों को निर्यात पर शुक्रवार को कर लगा दिया।
ओएनजीसी और वेदांता लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल से मिलने वाले अप्रत्याशित लाभ पर भी कर लगाया गया है।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया है तथा डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का कर लगाया गया है। इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड की केयर्न ऑयल एंड गैस के कच्चे तेल के उत्पादन पर कर लगाने से और 2.9 करोड़ टन कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन से सरकार को सालाना 67,425 करोड़ रुपये मिलेंगे। निर्यात कर लगाने का एक उद्देश्य पेट्रोल पंपों पर घरेलू आपूर्ति बेहतर करना भी है क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में ईंधन की कमी का संकट खड़ा है और निजी रिफायनरी ईंधन की स्थानीय स्तर पर बिक्री करने के बजाए इसके निर्यात को प्राथमिकती दे रही हैं।
वाणिज्यिक रसोई गैस 198 रुपये हुई सस्ती
अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में कमी के चलते होटल, रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल होने वाली वाणिज्यिक एलपीजी की कीमतों में शुक्रवार को कमी की गई। यह कटौती 19 किलो के सिलेंडर पर 198 रुपये की है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब दिल्ली में 2,021 रुपये है। एक महीने में दरों में यह दूसरी कटौती है। विमान ईंधन या एटीएफ की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत हर महीने की पहली तारीख को संशोधित की जाती है, जबकि एटीएफ की कीमत हर महीने की पहली और 16 तारीख को संशोधित की जाती है।