पुरुषोत्तम शर्मा/ हप्र
सोनीपत, 25 जनवरी
केंद्र के नये कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों ने ऐलान किया है कि उनकी ट्रैक्टर परेड के बाद भी सरकार नहीं मानी तो एक फरवरी को बजट के दिन वे संसद तक पैदल मार्च करेंगे। इसके साथ ही किसान संगठनों ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर अब 5 के बजाय 9 स्थानों से ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कही है। सिंघु, टीकरी, गाजीपुर, शाहजहांपुर, पलवल के साथ ही अब ढांसा, चिल्ला, मसानी बैराज और मेवात के सुनहेडा बार्डर से परेड शुरू करने का ऐलान किया गया है। किसानों ने स्पष्ट किया कि परेड के लिए संख्या की कोई बाध्यता नहीं है। पानीपत तक जाम में फंसे हर ट्रैक्टर पर बैठा किसान परेड का हिस्सा बनेगा। उन्होंने कहा कि ट्रालियां केवल झांकियों के लिए इस्तेमाल होंगी। महिलाओं के लिए बसों का बंदोबस्त किया गया है।
यहां मीडिया से रूबरू किसान नेता डाॅ. दर्शनपाल, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, योगेंद्र यादव, जगमोहन सिंह आदि ने बताया कि परेड के बाद भी आंदोलन चलेगा और पहले से अधिक सक्रियता के साथ इसे आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केवल संसद कूच ही नहीं, बल्कि अन्य कार्यक्रम तय किए गये हैं। किसान नेताओं ने कहा कि आजादी के बाद दूसरा मौका है, जब किसान का ट्रैक्टर परेड का हिस्सा बन रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण होगी, सरकार को पता चल जाएगा कि यह पूरे देश का आंदोलन है।
परेड में शामिल होने आये किसानों से आह्वान किया गया है कि परेड के बाद वह घर न लौटें, बल्कि यहीं पड़ाव डालें। किसान नेताओं ने कहा कि इनके रहने और खाने का इंतजाम जत्थेबंदियों की ओर से कर दिया गया है। केएमपी पर कुछ जगह तय की गयी है, तो हाईवे पर भी कई जगह मोर्चे लगाने की तैयारी है।
आउटर रिंग रोड पर जाने को लेकर हंगामा : सोमवार देर शाम युवाओं ने मुख्य मंच पर पहुंच कर हंगामा शुरू कर दिया। युवाओं का कहना था कि वह दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर परेड से कम पर राजी नहीं हैं। करीब 2 घंटे तक युवा हंगामा करते रहे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता एसएस पंधेर ने कहा कि आउटर रिंग रोड पर परेड निकालने का ऐलान हुआ था, रूट बदला नहीं जा सकता।
‘ उम्मीद है पेशकश पर किसान पुनर्विचार करेंगे’
नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि नये कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’ है। उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकरी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे और अपने फैसले से अवगत कराएंगे। सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता में सरकार ने यूनियनों से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा था।
- किसान संगठनों का दावा है कि उनकी परेड में 2 लाख ट्रैक्टर शामिल होंगे।
- ट्रैक्टर परेड में मुख्य आकर्षण ‘झांकी’ होंगी। सभी राज्यों की ‘झांकी’ किसानों की दशा दिखाएगी।
- सबसे आगे ट्राली में पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब होंगे। उस वाहन के पीछे लोग पैदल चलेंगे, प्रसाद बांटेंगे।
- तमाम वाहनों को फूलों से सजाया जा रहा है, सिख शहीदों के पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं।
- सैकड़ों महिलाएं भी ट्रैक्टर चलाकर उपस्थिति दर्ज कराएंगी।
- आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की जाएगी।
- कई ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ विभिन्न किसान संगठनों के झंडे लगाए गये हैं।
- कई किसान ट्रैक्टरों पर करतब भी दिखाएंगे।
- यह परेड मध्य दिल्ली में दाखिल नहीं होगी। जय किसान आंदोलन (स्वराज अभियान) के प्रवक्ता के अनुसार ट्रैक्टर मार्च 11:30 बजे शुरू होने की संभावना है।
- पुलिस के अनुसार आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड संपन्न होने के बाद ही ट्रैक्टर परेड शुरू होगी।