नई दिल्ली, 1 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान देश के 5 ऐसे शीर्ष राज्य हैं जहां पर एक नवंबर से एक दिसंबर के बीच कोरोना के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। साथ ही सरकार ने आज कहा कि उसने कभी भी पूरे देश में वैक्सीन लगाये जाने की बात नहीं कही है।
राष्ट्रीय कोरोना वैक्सीन टास्कफोर्स के सदस्य केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के प्रमुख बलराम भर्गव ने आज यहां कहा कि हमारा उद्देश्य कोरोना ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है। भूषण ने कहा कि सरकार ने पूरे देश में वैक्सीन लगाये जाने की बात कभी नहीं कही है। यह जरूरी है कि ऐसे वैज्ञानिक मामलों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए। उनके साथ उपस्थित भर्गव ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वैक्सीनेशन कितना प्रभावी होगा यह तो वैक्सीन पर निर्भर करेगा, लेकिन हमारा उद्देश्य कोरोना ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है। अगर हम खतरे वाले लोगों को टीका लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में सफल रहे तो हमें शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़े। लेकिन उनका यह भी कहना था कि इसके बाद भी मास्क पहनने की अावश्यकता तो रहेगी ही।
भारत में स्पूतनिक का परीक्षण शुरू
डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज और रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस के स्पूतनिक-वी टीके का भारत में दूसरे-तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण शुरू किया है। उन्होंने कहा कि कसौली स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद परीक्षण शुरू हो गया है। संयुक्त बयान में बताया गया कि यह परीक्षण कई स्थानों पर हो रहा है।