ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 25 अप्रैल
प्रदेश में छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। जिला स्तर पर चुनावी तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। वहीं हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल भी चुनावी गतिविधियों की समीक्षा कर रहे हैं। इसी बीच सर्व कर्मचारी संघ ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर चुनावी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं बारे अवगत कराया है।
राज्य प्रधान धर्मवीर फौगाट ने बताया कि चुनाव आयोग को लिखे पत्र में मांग की गई है कि आपातकालीन सेवाओं के विभागों के कर्मचारियों को गंभीर बीमारी से पीड़ित, विकलांग और महिला कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी न लगाई जाए। इसके साथ ही संवदेनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त व्यवस्था मुहैया कराई जाए। पोलिंग बूथ तक आने-जाने के लिए वाहनों का इंतजाम ठीक से किया जाए।
चुनाव से पहले दिन व मतदान वाले दिन भोजन व ठहरने का तमाम बंदोबस्त किया जाए। इसके साथ ही ट्रेनिंग स्थलों पर समुचित सुविधाओं की व्यवस्था की जाए, इसमें पीने के पानी और भोजन आदि शामिल है। यही नहीं एसकेएस के चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में मांग की है कि एक महीना पहले जिन कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लग जाती है, उनकी ड्यूटी को चुनाव ड्यूटी माना जाए। जिन चतुर्थ श्रेणी कर्मिचारियों की चुनाव पूर्व ड्यूटी वोटिंग मशीनों की सफाई, ले जाने व लाने आदि कार्यों में लगाई जाती है, उसे भी चुनाव ड्यूटी मानते हुए उनका मेहनताना व टीए-डीए दिया जाए।
संघ की ओर से यह भी मांग की गई है कि ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारियों की वोट डालना सुनिश्चित किया जाए, अपने ही लोकसभा क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को समय पर फार्म-12 व दो दिन पहले डीसी तथा दूसरे लोकसभा क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को समय पर फार्म-12ए दिया जाए, कम से कम 10 दिन पहले पोस्टल बैलेट पेपर घर या दफ्तर में पहुंचाएं जाएं ताकि ठीक समय पर पोस्टल वोट डाली जा सके। इसके साथ ही पोलिंग अधिकारी कई बार जल्दबाजी में डीसी का अलग से लिफाफा नहीं बनाते हैं, जिससे कर्मचारियों की वोट रह जाती है। इसलिए पोलिंग अधिकारी द्वारा डीसी व पोस्टल वोट का लिफाफा बनाना सुनिश्चित किया जाए।