नयी दिल्ली, 12 जनवरी (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक की जांच के लिए बुधवार को शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति गठित की। पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आईजी या उनके प्रतिनिधि, चंडीगढ़ के डीजीपी, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) को समिति का सदस्य नियुक्त किया है।
भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता और न्यायिक क्षेत्र के व्यक्ति द्वारा इसे देखे जाने की आवश्यकता है। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वह पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के 5 जनवरी के दौरे के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित सभी जब्त दस्तावेज समिति प्रमुख को तुरंत उपलब्ध कराएं। पीठ ने कहा कि यह समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी। समिति इन बिंदुओं की जांच करेगी कि सुरक्षा में चूक के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं और किस हद तक। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए समिति संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सुझाव भी देगी।
शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी को मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और कहा था कि वह जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करेगा। अदालत ने केंद्र और पंजार सरकार द्वारा गठित की गयी समितियों की जांच पर रोक लगा दी थी।
शीर्ष अदालत ने गैर सरकारी संगठन ‘लॉयर्स वॉयस’ की याचिका पर यह आदेश दिया। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने बुधवार को पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा को पत्र लिखकर इस मामले में वकीलों को कथित तौर पर मिल रही धमकियों की जांच की मांग की। कई वकीलों ने सोमवार को दावा किया कि था इस सुनवाई से जुड़े जजों के लिए धमकी भरे फोन उनके पास आ रहे हैं।