एस.अग्निहोत्री/हप्र
पंचकूला, 22 मई
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, संविधान को अगर गहराई से देखें तो यह ट्रांसफर ऑफ पावर दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि अगर आप हिंदुस्तान की जनसंख्या देखें, सर्वे करें, तो पता चलेगा कि तकरीबन 90 प्रतिशत लोग, जिसमें दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक हैं, उनकी कहीं भागीदारी है ही नहीं।
राहुल गांधी बुधवार को पंचकूला के सेक्टर-5 में समृद्ध भारत फाउंडेशन की ओर से आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा कि चिकित्सा, शिक्षा, आर्थिक क्षेत्र और न्यायपालिका में सभी को भागीदारी मिलनी चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार आते ही देश में जातीय जनगणना करवाई जाएगी। राहुल गांधी ने कहा कि राजनीतिक भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के दो मुख्यमंत्रियों को हाल ही में जेल भेजा गया, लेकिन एक बाहर आ गया, लेकिन आदिवासी मुख्यमंत्री आज भी जेल में है। उस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नेशनल मीडिया भूल गई।
राहुल गांधी ने वर्तमान स्थिति की तुलना राजा-महाराजाओं के समय से की, जब सत्ता का दारोमदार केवल एक या दो लोगों के हाथ में होता था। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी ऐसे लोगों से लड़ाई लड़ी थी। राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मानते हैं कि उन्होंने अपनी लड़ाई जीत ली है, लेकिन असल में वे लड़ाई हार रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे देश को जितना पीछे ले जाएंगे, हम उससे कई गुना आगे ले जाने का काम करेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो गरीबों और पिछड़ों को सत्ता में भागीदारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान को बदलने की बात करती है, जबकि संविधान के मूल सिद्धांत श्री गुरु नानक देव, ज्योतिबा फुले, भीमराव अंबेडकर जैसे महापुरुषों द्वारा दिए गए हैं। इससे पूर्व सम्मेलन में कई अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।