नरेंद्र कुमार
पिछले 10-15 सालों में सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में बहुत सी चीजें बदल गई हैं। लेकिन निबंध का प्रश्नपत्र अभी भी न सिर्फ पहले जितना ही महत्वपूर्ण है बल्कि अभी भी यह ‘स्कोरिंग’ का जरिया है बशर्ते हम मुख्य परीक्षा में निबंध लिखने में माहिर हों। लेकिन दुर्भाग्य से कई यूपीएससी की परीक्षा दे रहे छात्र निबंध की तैयारी की इस भ्रम के चलते अनदेखी कर देते हैं कि वे अपने सामान्य अध्ययन की तैयारी में ही इसे कर लेंगे। यह गलत निर्णय होता है। निबंध के प्रश्नपत्र में कुल 8 निबंध होते हैं, जिनमें 3 घंटों के भीतर दो निबंध 1000-1200 शब्दों में लिखने की कोशिश की जाती है। ये निबंध दो खंडों में विभाजित होते हैं- ए और बी।
व्यवस्थित क्रम के साथ सटीक हो लेखन
निबंध में दोनो खंडों में चार-चार विषयों का विकल्प होता है, जिनमें से केवल एक विषय पर लिखना होता है। प्रत्येक निबंध के लिए 125 अंक निर्धारित होते हैं और इस तरह निबंध के प्रश्नपत्र के लिए कुल 250 अंक तय होते हैं, जिनमें से अगर आपने 170 से 190 के बीच हासिल कर लिया तो उलटफेर कर सकते हैं। यह मुश्किल नहीं है बस एक बार यह समझने की जरूरत होती है कि निबंध को व्यवस्थित क्रम में और सटीक रूप में कैसे लिखें। कई उम्मीदवार जिनकी तैयारी जरूरत से ज्यादा होती है, वे अपने निबंध को बहुत लंबा खींच देते हैं और काम की कुछ बातें लिखने के लिए गैर-काम की सैकड़ों बातें लिख जाते हैं। निबंध लिखने का यह सही तरीका नहीं है। अच्छे निबंध की पहली खूबी यह होती है कि यह सटीक होता है। दूसरा वह उतने ही शब्दों के आसपास का होता है, जितने शब्दों की मांग की गई होती है। तीसरी कसौटी है कि वह सरल, स्पष्ट, सुसंगत और प्रभावशाली तरीके से लिखा गया होता है।
ढांचा हो प्रभावशाली
हालांकि एक अच्छे निबंध की कोई विशेष परिभाषा नहीं होती। आप खुद अपना राइटिंग स्टाइल बुद्धिमत्ता से तय कर सकते है कि अच्छा निबंध क्या होता है। लेकिन हां, ऊपर जिन चार कसौटियों का जिक्र किया गया है, वो हर हाल में निबंध में मौजूद हों। सरल और स्पष्ट शब्दों में तो निबंध लिखा होना ही चाहिए। बात सिर्फ लिखे गये शब्दों और उनके अर्थों तक ही सीमित नहीं बल्कि निबंध का खाका भी प्रभावशाली हो सकता है मसलन अगर आप एग्जामिनर को यह भरोसा दिला सकने में सफल होते हैं कि आपने निबंध का जो ढांचा बनाया है, वह सुस्पष्ट और दृष्टि सम्पन्न है, तो पहली बाजी जीत लेते हैं। किसी निबंध के प्रभावशाली ढांचे का पता इस बात से चलता है कि आप निबंध की शुरुआत किन बातों से करते हैं। एक शब्द में तो कभी भी पूरी बात नहीं की जा सकती। लेकिन अगर आप पहले और छोटे, स्पष्ट और प्रभावशाली पैराग्राफ में यह बता पाने में सक्षम होते हैं कि आप निबंध क्या लिख रहे हैं, आपकी उस विषय में अपनी दृढ़ राय क्या है और आपके पास उस विषय का एक सहज विवेचन है, तो आप बिल्कुल सही निबंध लिख रहे हैं। हो सकता है, आपके दो पैराग्राफ पढ़कर एग्जामिनर आपसे इतना खुश हो जाए कि उसे आगे कुछ और पढ़ने की जरूरत ही न पड़े। आपके पास निबंध के विषय की साफ और प्रभावशाली थीम हो, तो उदाहरणों को भी बीच-बीच में शामिल कर सकते हैं और सरल शब्दों में भी अपनी बात लिख सकते हैं।
संपूर्णता के साथ लिखें
निबंध लिखने के क्रम की दूसरी महत्वपूर्ण यह बात होती है कि परीक्षक को हमेशा आपके लिखे हुए से ज्यादा समझने का और जानने का मौका मिलता होता है, इसलिए निबंध लिखते समय हजारों तरीके से यह मत सोचिए कि आप अपने निबंध को कितना प्रभावशाली बनाएंगे। सबसे पहले यह सोचिए कि आप इस विषय पर पूरी बात कैसे लिख सकते हैं। निबंध में जब किसी का परिचय लिखना हो तो वह परिचय संदर्भ के साथ हो। निबंध लिखते समय पूरी तरह से किताबों के समय की दुनिया में मत रहिए। आज की वास्तविक और लोकप्रिय दुनिया से भी संदर्भ जुटाइये।
अंत भी महत्वपूर्ण
निबंध का अंत भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना निबंध की शुरुआत। निबंध के अंत में न सिर्फ स्पष्ट और प्रभावशाली तरीके से आपको अपने लिखे गये निबंध का सार लिखना चाहिए बल्कि अगर कोई एग्जामिनर आपके इंट्रो को पढ़े और निबंध का अंतिम पैरा, तो इस पूरे गैप में ऐसा शानदार क्रम व्यवस्थित करिये कि बिना पूरा निबंध पढ़े ही एग्जामिनर यह जान जाए कि आपने क्या लिखा है? -इ.रि.सें.