नयी दिल्ली/फरीदकोट, 4 मार्च (ट्रिन्यू)
यूक्रेन में संघर्ष के चलते स्वदेश लौटे भारतीय एमबीबीएस छात्र जो अपनी अनिवार्य 12-महीने की इंटर्नशिप को पूरा करने में नहीं कर पाये हैं, उन्हें देश में शेष इंटर्नशिप पूरा करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते उन्होंने आवेदन करने से पहले विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) को पास कर ली हो।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा ‘विदेशी मेडिकल स्नातकों के पंजीकरण के लिए दिशानिर्देश’ शीर्षक वाले एक सर्कुलर में 18 नवंबर, 2021 को कोविड के कारण विदेश से लौटने वाले भारतीय एमबीबीएस छात्रों को ऐसी राहत दी गई थी, जिसे अब युद्ध प्रभावित छात्रों के लिए भी बढ़ा दिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा मुख्य जोर पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष वाले क्षेत्रों से भारतीय छात्रों को बाहर निकालना है। उधर, विदेश मंत्रालय ने बताया कि लगभग 300 भारतीय खारकीव में और 700 सुमी में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि युद्धग्रस्त देश को लेकर प्रथम परामर्श जारी होने के बाद करीब 20 हजार भारतीय यूक्रेन की सीमा छोड़ चुके हैं। ऑपरेशन गंगा’ के तहत अब तक 48 उड़ानों से 10,300 से अधिक भारतीयों को लाया गया है।