नयी दिल्ली, 21 जुलाई (एजेंसी)
राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को जबरदस्त जीत हासिल की। मुर्मू को 64 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 36 प्रतिशत वोट मिले। संथाल परिवार में जन्मीं मुर्मू का आदिवास से राष्ट्रपति निवास तक का यह सफर ऐतिहासिक है। चुनाव अधिकारी पीसी मोदी ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में 4,754 वैध निर्वाचकों में द्रौपदी मुर्मू को 2,824 वोट प्राप्त हुए, जिनमें 540 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। वहीं यशवंत सिन्हा को 1,187 मत मिले, जिनमें 208 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों के 17 सांसदों ने उनके समर्थन में ‘क्रॉस वोटिंग’ की है। आंध्र प्रदेश के सभी विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया, जबकि अरुणाचल प्रदेश में उन्हें चार को छोड़कर सभी विधायकों के मत मिले। ऐतिहासिक जीत के बाद द्रौपदी मुर्मू को बधाइयों का तांता लग गया। पक्ष-विपक्ष के तमाम नेताओं ने उन्हें बधाई दी। नये राष्ट्रपति के तौर पर मुर्मू आगामी 25 जुलाई को शपथ लेंगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत अनेक नेताओं ने मुर्मू को बधाई दी। उधर, द्रौपदी मुर्मू के गृह नगर रायरंगपुर समेत पूरे राज्य में जश्न मनाया गया। मुर्मू के जीत की सूचना आते ही मयूरभंज जिले के रायरंगपुर शहर स्थित मुर्मू के आवास के बाहर लोगों का जमावड़ा लग गया। उत्सव का ऐसा ही नजारा मुर्मू के ससुराल पहाड़पुर गांव में भी रहा। राजग की उम्मीदवार मुर्मू का समर्थन करने वाले ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) के कार्यकर्ताओं समेत आम लोगों ने रायरंगपुर में मिठाइयां बांटी और पटाखे फोड़कर खुशी जतायी। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में भी कार्यकर्ताओं ने मुर्मू की जीत पर जश्न मनाया। उत्साही लोगों ने उत्तरी पश्चिम बंगाल के दुआर्स इलाके के चाय बागानों में जश्न मनाया। मुर्मू भी संथाल समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।
आजादी के बाद हुईं पैदा, दुखों का पहाड़ भी टूटा
64वर्षीय मुर्मू स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी। वह 25 जुलाई को शपथ लेंगी। मुर्मू ब्रह्मकुमारियों की ध्यान तकनीकों की गहन अभ्यासी हैं। यह गहन अध्यात्म और चिंतन का दामन उन्होंने तब थामा जब 2009 से लेकर 2015 तक की अवधि में अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया। वह 1997 में रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद बनाई गईं और 2000 से 2004 तक ओडिशा की बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं। उन्हें 2015 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वह 2021 तक इस पद पर रहीं। मुर्मू ने 2014 का विधानसभा चुनाव रायरंगपुर से लड़ा था, लेकिन वह बीजद उम्मीदवार से हार गई थी। झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, मुर्मू ने अपना समय रायरंगपुर में ध्यान और सामाजिक कार्यों में लगाया। मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का विविध प्रशासनिक अनुभव है। भाजपा में, मुर्मू उपाध्यक्ष और बाद में ओडिशा में अनुसूचित जनजाति मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह 2010 में भाजपा की मयूरभंज (पश्चिम) इकाई की जिला अध्यक्ष चुनी गईं और 2013 में फिर से चुनी गईं। उन्हें उसी वर्ष भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एसटी मोर्चा) का सदस्य भी नामित किया गया था। उन्होंने अप्रैल 2015 तक जिला अध्यक्ष का पद संभाला, जब उन्हें झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। मुर्मू की बेटी इतिश्री ओडिशा के एक बैंक में काम करती हैं।
भारत ने इतिहास रच दिया : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुर्मू को बधाई दी और कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पूर्वी भारत के सुदूर हिस्से से ताल्लुक रखने वाली एक आदिवासी समुदाय में जन्मी नेता को राष्ट्रपति निर्वाचित कर भारत ने इतिहास रच दिया है। मुर्मू की जीत की घोषणा के बाद मोदी ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि वह एक उत्कृष्ट राष्ट्रपति होंगी जो आगे बढ़कर नेतृत्व करेंगी और भारत की विकास यात्रा को मजबूत करेंगी।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का जीवन, उनके शुरुआती संघर्ष, उनकी सेवा और उनकी उत्कृष्ट सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है। उन्होंने कहा, ‘वह एक उम्मीद की किरण के रूप में उभरी है, खासकर गरीबों, वंचितों और पिछड़ों के लिए।’ उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू के पक्ष में मतदान करने वाले सभी सांसदों और विधायकों का धन्यवाद किया। मोदी ने कहा कि उनकी रिकॉर्ड जीत लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुर्मू को जीत की बधाई दी। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू समेत अनेक शीर्षस्थ लोगों ने मुर्मू को इस शानदार जीत पर बधाई दी।
उम्मीद है कि संविधान संरक्षक के रूप में कार्य करेंगी : सिन्हा
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू को जीत पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हर भारतीय उम्मीद करता है कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में वह बिना किसी डर या पक्षपात के ‘संविधान के संरक्षक’ के रूप में कार्य करेंगी। सिन्हा ने एक बयान में कहा, ‘मैं निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) के सभी सदस्यों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया। मैंने विपक्षी दलों के प्रस्ताव को पूरी तरह से भगवद गीता में भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए कर्म योग के उस उपदेश के आधार पर स्वीकार किया कि ‘फल की उम्मीद के बिना अपना कर्तव्य करते रहो।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने देश के प्रति अपने प्रेम के कारण अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाया है। मैंने अपने अभियान के दौरान जो मुद्दे उठाए थे, वे प्रासंगिक हैं।’