नयी दिल्ली, 23 नवंबर (एजेंसी)
दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली दंगों को हवा देने की साजिश रची थी, ताकि ‘भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार’ का विश्व स्तर पर झूठा प्रचार हो सके। खालिद और जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दाखिल पूरक आरोपपत्र के अनुसार खालिद एक साजिश के तहत 23 फरवरी को दिल्ली से पटना गया और 27 फरवरी को लौटा। खालिद ने अन्य आरोपियों के साथ चांद बाग में एक कार्यालय में बैठक भी की थी। प्राथमिकी में पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक हिंसा एक सोची समझी साजिश थी, जिसे खालिद और 2 अन्य लोगों ने अंजाम दिया। पुलिस ने आरोप लगाया कि खालिद ने दो जगह भड़काऊ भाषण दिए थे और लोगों से कहा था कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें। पुलिस ने दावा किया कि इस साजिश में, कई घरों में पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर एकत्र किए गए थे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई।
अदालत ने टाली सुनवाई : दिल्ली हाईकोर्ट के एक हालिया आदेश के चलते अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शरजील इमाम और उमर खालिद के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र पर सोमवार को संज्ञान लेने संबंधी सुनवाई टाल दी। हाईकोर्ट ने 11 नवंबर को मुकदमा तब स्थगित कर दिया था, जब पुलिस ने सभी आरोपियों को आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने के निर्देश को चुनौती दी थी।