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जहाज के चालक दल से जल्द मिल सकेंगे भारतीय अधिकारी

ईरान के विदेश मंत्री का जयशंकर को आश्वासन

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नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (एजेंसी)

ईरान और इस्राइल में तनाव के बीच भारत के लिए राहत की खबर आयी है। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा है कि उनका देश भारत के अधिकारियों को जब्त किये गए मालवाहक जहाज के चालक दल के भारतीय सदस्यों से मिलने की जल्द ही अनुमति देगा। ईरान के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, अब्दुल्लाहियन ने रविवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस बात से अवगत कराया।

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बयान के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्री ने भारत सरकार से गाजा में युद्ध रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के जरिये अपनी सक्रिय भूमिका जारी रखने का आग्रह किया। अब्दुल्लाहियन ने कहा कि गाजा, क्षेत्र में मौजूदा संकट का केंद्र बिंदु है।

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बातचीत में, जयशंकर ने पुर्तगाली झंडे वाले मालवाहक जहाज एमएससी एरीज पर सवार चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों को रिहा करने की अपील की। ईरान के विदेश मंत्रालय के बयान में अब्दुल्लाहियन के हवाले से कहा गया है, ‘हम जब्त जहाज से जुड़ी स्थिति की सक्रियता से निगरानी कर रहे हैं। जहाज के चालक दल के सदस्यों से भारत सरकार के प्रतिनिधियों के मिलने के लिए जल्द ही इंतजाम किया जाएगा।’ ईरान के विशेष नौसेना बलों ने इस्राइल से संबंध होने के कारण इस जहाज को जब्त किया है।

ईरान के 80 ड्रोन अमेरिका ने किए नष्ट

वाशिंगटन (एजेंसी) : अमेरिका ने इस्राइल पर ईरान द्वारा छोड़े गए 80 से अधिक ड्रोन और 6 बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि इसमें एक बैलिस्टिक मिसाइल और यमन के हूती नियंत्रित इलाकों में नष्ट किए गए 7 मानवरहित यान या ड्रोन शामिल हैं। ईरान ने इस्राइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिसे तेहरान ने सीरिया में ईरान के दूतावास पर एक अप्रैल को किए उसके हमले की प्रतिक्रिया बताया है। जी-7 देशों के नेताओं ने इस्राइल के खिलाफ ईरान के सीधे और अप्रत्याशित हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र में अनियंत्रित तनाव बढ़ने का खतरा है। इस्राइल ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ बताया। वहीं, ईरान ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए यह अभियान शुरू किया।

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