संयुक्त राष्ट्र, 2 दिसंबर (एजेंसी)
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा है कि भारत दुनिया में शीर्ष पंक्ति में एक ऐसे देश के रूप में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है जो समाधान लाना चाहता है और वैश्विक एजेंडे में सकारात्मक योगदान देने का इच्छुक है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक-एक महीने के लिए क्रमवार मिलने वाली अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भारत ने बृहस्पतिवार को संभाली। भारत 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2021 के बाद दूसरी बार परिषद का अध्यक्ष पद संभाल रहा है।
परिषद में भारत का 2021-2022 का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज, दिसंबर महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद संभाल रही हैं। भारत ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और जी-20 दोनों की अध्यक्षता ग्रहण की। ऐसे समय में भारत के प्रति समर्थन के बारे में पूछे जाने पर कंबोज ने कहा, ‘मैं विशेष रूप से आपका ध्यान पिछले दो वर्षों की ओर आकर्षित करूंना चाहती हूं क्योंकि मानव स्मृति अल्पकालिक होती है। तो चलिए हालिया अतीत से शुरू करते हैं।’
कंबोज ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, जब दुनिया विभिन्न संकटों से गुजरी, ”भारत हमेशा एक समाधान प्रदाता के रूप में खड़ा रहा।’ कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए, कंबोज ने कहा कि भारत ने दवाओं, चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति की, साथ ही जरूरतमंद देशों को चिकित्सा दल भेजे और 100 से अधिक देशों को टीकों की 24 करोड़ खुराक की आपूर्ति की। उन्होंने कहा, ”हम मानवीय संकटों का मुकाबला करने के लिए खड़े रहे। इसलिए यह सब और अन्य तथ्य इस ओर इंगित करते हैं कि भारत वैश्विक शीर्ष तालिका में एक ऐसे देश के रूप में अपनी जगह बनाने को तैयार है जो समाधान लाने और वैश्विक एजेंडे में सकारात्मक योगदान देने को तैयार है।” उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों में ही हमने अफगानिस्तान, म्यांमा, सूडान, यमन, श्रीलंका और यूक्रेन सहित जरूरतमंद देशों को 14 लाख टन मानवीय सहायता की आपूर्ति की है। कंबोज ने कहा, ”हमने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि हमारी विदेश नीति का एक केंद्रीय सिद्धांत मानव केंद्रित, जन-केंद्रित है और यह बना रहेगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सुधार आगे बढ़ रहा है, कंबोज ने कहा, ”काश मैं हां, हां और हां कह पाती, लेकिन मैं निश्चित रूप से कहूंगी कि यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की सबसे जटिल प्रक्रियाओं में से एक है। लेकिन आशा की एक किरण है।’ उन्होंने बताया कि महासभा के उच्च स्तरीय 77वें सत्र के दौरान, 76 देशों ने यूएनएससी सुधारों का समर्थन किया और 73 देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों की बात की। कंबोज ने कहा कि यूएनएससी सुधार पर अंतर-सरकारी वार्ता जनवरी में शुरू होगी।