नयी दिल्ली, 27 जनवरी (एजेंसी)
गुलाम नबी आजाद को पद्मभूषण दिए जाने की घोषणा के बाद से कांग्रेस के कुछ नेताओं के बीच हुई कलह की पृष्ठभूमि में पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर दलगत आधार पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए और अगर ‘अपना कोई एक साथी’ सम्मानित हो रहा हो तो उस पर ‘व्यंग्यात्मक टिप्पणियां’ करने की बजाय उसकी सराहना करते हुए बधाई देनी चाहिए।
यह बयान उस वक्त आया है जब आजाद को पद्म भूषण दिए जाने की घोषणा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उन पर कटाक्ष किया था। कर्ण सिंह ने कहा, ‘मैं गुलाम नबी आजाद को उस वक्त से जानता हूं जब उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 1971 में ऊधमपुर संसदीय क्षेत्र से मेरे दूसरे चुनाव प्रचार में वह शामिल हुए थे।’ वैस पार्टी के ‘जी 23’ समूह में शामिल कई नेताओं ने आजाद को बधाई दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि राष्ट्र उनके योगदान को स्वीकार कर रहा है। रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किए जाने को लेकर आजाद पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था, ‘यही सही चीज थी करने के लिए। वह आजाद रहना चाहते हैं गुलाम नहीं।’
इस दौरान पद्म पुरस्कार प्राप्त करने के लिए गुलाम नबी आजाद की आलोचना को एक शर्मनाक बयानबाजी करार देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा है कि इसका उद्देश्य पुरस्कार और इसे प्ााने वाले की गरिमा को घ्वस्त करना है, और ऐसी मानसिकता कांग्रेस के गणमान्य लोकाचार के साथ न्याय नहीं करती।