नयी दिल्ली, 2 जून (एजेंसी)
केंद्र सरकार ने खुफिया और सुरक्षा संबंधी संस्थानों के सेवानिवृत्त अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी प्रकाशित करने से रोकने के बारे में नियमों में संशोधन करके नए उपनियम शामिल किए हैं। इनमें यह शर्त भी शामिल है कि अधिकारी ‘संस्थान के कार्य क्षेत्र’ या किसी कर्मचारी संबंधी कोई सामग्री साझा नहीं कर सकते। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2021 को कल देर रात अधिसूचित किया गया।
ये नियम उन पर लागू होते हैं जो खुफिया विभाग (आईबी), अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ), राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, विमानन अनुसंधान केंद्र, बीएसफ, सीआरपीएफ, एनएसजी, सीआईएसएफ और आईटीबीपी आदि से सेवानिवृत्त हैं।
नियमों में कहा गया है कि इस प्रकार की सामग्री प्रकाशित करने के लिए ‘संस्थान प्रमुख’ से पूर्व अनुमति लेनी होगी। इससे पहले, 2007 के नियमों के अनुसार, विभाग के प्रमुख से अनुमति लेनी होती थी। ‘सभी कर्मियों को संस्थान प्रमुख को वचन देना होगा कि वे इस प्रकार की सूचना प्रकाशित नहीं करेंगे और ऐसा नहीं करने पर उनकी पेंशन रोक ली जाएगी या वापस ले ली जाएगी। मार्च 2008 में अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम 2007 के अनुसार, इस प्रकार से कभी कर्मचारियों के लिए ऐसी कोई भी संवेदनशील जानकारी प्रकाशित करना पहले से ही प्रतिबंधित है। संशोधित नियमानुसार संगठन प्रमुख फैसला करेगा कि प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या नहीं और वह संस्थान के कार्य क्षेत्र में आती है, या नहीं।