वाराणसी, 30 नवम्बर (एजेंसी)
कृषि सुधार कानूनों को लेकर देश में जगह-जगह किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले पर विपक्षी दलों पर करारा हमला करते हुए सोमवार को कहा कि पिछले कुछ समय से एक अलग ही ‘ट्रेंड’ देखने को मिल रहा है जिसके तहत सरकार के फैसले पर भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के खजूरी गांव में 6 लेन मार्ग चौड़ीकरण के लोकार्पण अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा, ‘सरकारें जब नीतियां बनाती हैं, तो उन्हें समर्थन भी मिलता है, तो कुछ सवाल भी स्वाभाविक है। यह लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में यह जीवन परंपरा रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है। पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था लेकिन बीते कुछ समय से हमें नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाकर आशंकाएं फैलाकर उस को आधार बनाया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ”दुष्प्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन पता नहीं इससे आगे चलकर क्या-क्या होगा। फिर कहते हैं कि ऐसा होगा जो अभी हुआ ही नहीं है, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है। हमें याद रखना है यह वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।’
‘अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेन-देन ठीक समझता है तो उस पर भी कोई रोक नहीं’
मोदी ने कहा, ‘भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर है। क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेन देन को ठीक समझता है तो उस पर भी इस कानून में कहां कोई रोक लगाई गई है? नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण ही तो दिए गए हैं।” मोदी ने कहा, ‘पहले तो मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी माने जाते थे। ऐसे में छोटे किसानों के साथ अक्सर धोखा होता था, विवाद होते थे क्योंकि छोटा किसान तो मंडी पहुंच ही नहीं पता था। अब ऐसा नहीं है। अब छोटे से छोटा किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है, यानी किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और उसे धोखे से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण भी मिला है।’