चेन्नई, 11 जनवरी (एजेंसी) अभिनेता रजनीकांत ने सोमवार को साफ तौर पर कहा कि वह राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे और अपने प्रशंसकों से इसपर पुनर्विचार करने के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की अपील की। अभिनेता के प्रशंसकों ने एक दिन पहले यहां प्रदर्शन करते हुए उनसे अपना फैसला बदलने का अनुरोध किया था। रजनीकांत ने कहा कि वह पहले ही अपना निर्णय उसकी वजह सभी को बता चुके हैं। अभिनेता ने ट्विटर पर एक बयान में राजनीति में प्रवेश के अनुरोध के लिए प्रशंसकों से कार्यक्रम का आयोजन नहीं करने की अपील की। रक्तचाप में उतार-चढ़ाव के कारण हैदराबाद में अस्पताल में भर्ती होने के बाद अभिनेता ने 29 दिसंबर को कहा था कि वह कोरोना वायरस महामारी और अपनी स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे। अभिनेता ने 2016 में गुर्दे का प्रतिरोपण कराया था और वह रोग प्रतिरोधी क्षमता दबाने के लिए दवा लेते हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।