समान न्याय की अपेक्षा देश में न्यायपालिका का कार्य निष्पक्षता और सच्चाई के आधार पर न्याय देना है। एक न्यायाधीश से अपेक्षा होती है कि वह बिना किसी भेदभाव के पीड़ित को न्याय दिलाए। लेकिन जब किसी उच्च पद पर...
समान न्याय की अपेक्षा देश में न्यायपालिका का कार्य निष्पक्षता और सच्चाई के आधार पर न्याय देना है। एक न्यायाधीश से अपेक्षा होती है कि वह बिना किसी भेदभाव के पीड़ित को न्याय दिलाए। लेकिन जब किसी उच्च पद पर...
विपरीत आचरण सोलह अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘रुग्ण मानसिकता के खिलाफ विचार-यात्राएं जरूरी’ अस्पृश्यता के विरुद्ध एक गंभीर विचार है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ हुए भेदभावपूर्ण व्यवहार हमारे समाज की बीमार...
बंगाल में बढ़ती हिंसा वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हो रहे उपद्रव बेहद चिंताजनक हैं। निजी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना अस्वीकार्य है। नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी ने स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।...
कूटनीतिक जीत बारह अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘बड़ी कूटनीतिक जीत’ तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को लेकर अहम जानकारी उजागर करता है। पाकिस्तान ने उसे कनाडाई नागरिक बताने की कोशिश की, जबकि वह पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक...
संस्कारों ने निखारा बारह अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में कृष्ण कुमार शर्मा का लेख ‘तरुण कुमार के दिए संस्कारों ने निखारा जया को’ पढ़ने को मिला। लेख में जया बच्चन को एक प्रतिभाशाली अदाकारा और सजग सांसद के रूप में...
भाषा का सम्मान दस अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘राजनीतिक हित साधने का जरिया न बने भाषा’ में भाषा को राजनीति से दूर रखने का आग्रह है। हमें अपनी क्षेत्रीय भाषा पर गर्व होना चाहिए, लेकिन...
गैस कीमत में बढ़ोतरी केंद्र सरकार ने हाल ही में रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी। गांवों में आज भी कुछ लोग चूल्हे में लकड़ी और गोबर के उपले जलाकर खाना बनाते हैं, जिससे स्वास्थ्य...
टैरिफ नीति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण ग्लोबल इकोनॉमी पर भारी दबाव बन रहा है। उनका रवैया वैश्विक व्यापार में गिरावट और मंदी का कारण बन रहा है। इससे अमेरिकी जनता पर भी बोझ बढ़ रहा है, जबकि...
स्वास्थ्य नीति जरूरी पांच अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में डॉ. ए.के. अरुण का लेख ‘अब भी संपूर्ण स्वास्थ्य की उम्मीद में दुनिया’ विश्व स्वास्थ्य दिवस पर मां और नवजात शिशु की सुरक्षा पर ध्यान आकर्षित करता है। उन्होंने अफसोस जताया...
नक्सलवाद से मुक्ति बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान ने राज्य के बड़े हिस्से को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया है। वर्ष 1967 में शुरू हुआ नक्सलवाद अब केवल छह ज़िलों तक सीमित रह गया है। सरकार की...
प्लास्टिक का खतरा दैनिक ट्रिब्यून के 2 अप्रैल के सम्पादकीय में बताया गया कि प्लास्टिक मनुष्य जीवन के लिए खतरे की घंटी है। विकासशील देशों में सरकारें मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देती हैं, जिससे स्वास्थ्य मानक प्रभावित होते हैं। अध्ययन...
भाषा विवाद अनुचित देश में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव तथा असहमति बढ़ाने वाले कुछ लोग अब भाषा को एक हथियार बना रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में मराठी न बोलने पर एक मॉल के कर्मचारियों के...
जिम्मेदार कौन उनतीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में क्षमा शर्मा के लेख में टीआरपी के लिए मीडिया द्वारा रिया चक्रवर्ती को दोषी ठहराने के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में बिना...
वक्फ बिल पर राजनीति केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए जाने वाले वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बिहार में सत्तारूढ़ दलों के लिए यह अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। विपक्ष ने पटना के गांधी मैदान में इस बिल के...
भारत की ताकत ट्रंप ने व्हाइट हाउस से मोदी की तारीफों के पुल बांधे और भारत-अमेरिका रिश्तों में नई चमक भर दी। यह बयान कूटनीति और व्यापार की नई उष्मा का प्रतीक है। ट्रंप ने व्यापार शुल्क वार्ता को लेकर...
मानदेय पर सवाल छब्बीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में 'माननीयों का मानदेय' संपादकीय एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाता है। वर्तमान आर्थिक स्थिति में तर्कसंगत फैसलों की आवश्यकता है ताकि अतिरिक्त वित्तीय बोझ से बचा जा सके। बेरोजगारी, महंगाई और सरकारी विभागों...
न्याय व्यवस्था की साख सत्ताईस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में प्रमोद जोशी का लेख ‘जरूरी है न्याय व्यवस्था की साख कायम रखना’ पढ़कर यह महसूस हुआ कि हाल के समय में न्यायपालिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कई बार...
बिहार के संकट बिहार में राजनीति और राजनेताओं के व्यवहार हमेशा चर्चा का विषय बनते रहते हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रगान के दौरान मुख्य सचिव के साथ हंसते-बोलते देखा गया, जिस पर राजद ने आलोचना की...
कूटनीतिक जवाब दें बाईस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में देवेंद्र शर्मा का लेख ‘सब्सिडी कवच लैस अमेरिकी उत्पादों से व्यापार युद्ध’ भारत की दृष्टि से विश्लेषण करता है। डोनाल्ड ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत भारत को दबाव में...
वन सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी इक्कीस मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 28 नवंबर, 2012 को वनों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए घोषित किया था। वनों और वृक्षों का हमारे जीवन...
इतिहास से सबक उन्नीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘इतिहास के स्याह पक्ष से सबक लेने का वक्त’ औरंगजेब के क्रूर शासन से सीखने की बात करता है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब पर राजनीति करने के...
समाज जिम्मेदारी निभाए हम पर्यटन को बढ़ावा देने की बातें कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर, यौन हिंसा और विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और हम इन्हें नियंत्रित करने में नाकाम हैं। हमारा रवैया...
नफरती मंसूबे हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्वामीनाथन मंदिर पर हमले के साथ अपवित्रता की घटना भी हुई। इसके अलावा, विदेश मंत्री जयशंकर के काफिले पर ब्रिटेन में हमले और नारेबाजी के साथ उच्चायुक्त भवन से तिरंगा निकालने...
समरसता का पर्व चौदह मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में नरेश कौशल ने अपने लेख ‘भारतीय समरसता की सतरंगी संस्कृति का उत्सव’ में भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों, उसकी विविधता और समरसता को बहुत सुंदर रूप में प्रस्तुत किया है। होली...
आत्मनिर्भरता जरूरी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद ट्रंप ने दुनियाभर के देशों से आयात पर उच्च टैरिफ लगाने की घोषणा करके वैश्विक मुक्त व्यापार प्रणाली पर सीधा हमला बोल दिया है। ट्रंप की नीतियों का सामना करने के लिए...