जैव विविधता की रक्षा बाईस मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य प्रकृति और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना है। जैव विविधता का अर्थ है—जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों में विविधता, जो एक-दूसरे पर निर्भर हैं। आधुनिकता...
जैव विविधता की रक्षा बाईस मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य प्रकृति और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना है। जैव विविधता का अर्थ है—जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों में विविधता, जो एक-दूसरे पर निर्भर हैं। आधुनिकता...
आपत्ति जताना दुर्भाग्यपूर्ण भारत सरकार द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने हेतु विभिन्न देशों में डेलिगेशन भेजना एक सराहनीय कदम है। इसमें सभी दलों के नेताओं को शामिल करना सरकार की लोकतांत्रिक सोच को दर्शाता है। शशि थरूर जैसे...
देशद्रोहियों का पर्दाफाश बीस मई के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित ‘भीतर के दुश्मन’ संपादकीय अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद करने वाले देशद्रोहियों का पर्दाफाश हुआ, जो भारतीय सैनिक गतिविधियों की सूचनाएं आईएसआई को भेजते थे।...
शर्मनाक टिप्पणी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी ने राष्ट्र सेवा में अनुकरणीय साहस दिखाया। ऐसे समय में मध्य प्रदेश के एक मंत्री द्वारा कर्नल कुरैशी पर की गई टिप्पणी बेहद निंदनीय है। यह न सिर्फ...
सतर्कता जरूरी पंद्रह मई के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘चीन के मंसूबे’ में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों के नाम बदलना उसकी साम्राज्यवादी मानसिकता को दर्शाता है। यह कदम हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान को भारत से हुए नुकसान...
विराम नहीं, चेतावनी भारत के मारक हमलों के सामने असहाय पाकिस्तान ने अमेरिका, सऊदी अरब और चीन के समक्ष सीज़फायर की गुहार लगाई, जिस पर भारत ने भी सशर्त सहमति दी। किंतु कश्मीर मामले में ट्रंप की मध्यस्थता को भारत...
सख्त संदेश तेरह मई के दैनिक ट्रिब्यून में संपादकीय 'पाक को दो टूक' पाक को कड़ी फटकार लगाने वाला है। प्रधानमंत्री का संबोधन शांति का संदेश था। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बावजूद भारत ने संयम दिखाया और वार्ता का...
आत्मनिर्भर विदेश नीति भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है, खासकर आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर। हाल ही में, भारत को पीओके पर नियंत्रण पाने का अवसर मिला था, जो आतंकवादियों के भारत...
आतंक के खिलाफ पहलगाम आतंकी त्रासदी का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी अड्डों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें करीब 100 आतंकी मारे गए। पाकिस्तान ने भारतीय सीमाओं पर बमबारी की और ड्रोन हमले किए, लेकिन...
भारत की छवि मजबूत आठ मई के दैनिक ट्रिब्यून के सम्पादकीय पृष्ठ पर डॉ. जगदीप सिंह के लेख के अनुसार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की वैश्विक शक्ति की छवि को मजबूत करेगा। भारत इसे आत्मरक्षा और आतंकवाद विरोधी कदम बताएगा, जबकि...
आतंकी के आंसू दुनियाभर में घोषित आतंकवादी मसूद अजहर अपनों पर पड़ी चोट से फूट-फूट कर रो पड़ा। भारत सरकार के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जब उसका परिवार उजड़ गया, उसके 14 नजदीकी मारे गए और आतंकवाद का उसका प्रशिक्षण...
समानता की राह दैनिक ट्रिब्यून में 6 मई के संपादकीय पृष्ठ पर डॉ. रामजीलाल के लेख ‘समता न्याय आधारित विकल्प के समक्ष चुनौतियां’ से डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों की स्पष्टता मिलती है। उनका लक्ष्य समतावादी समाज की स्थापना था,...
आतंक का मुकाबला तीन मई के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘वक्त की आवाज’ पहलगाम त्रासदी के बाद पाकिस्तान के खिलाफ गर्माये माहौल का वर्णन करने वाला था। शहीद नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी ने उनके जन्मदिन पर रक्तदान...
सद्भाव की मिसाल बाईस अप्रैल को आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने अद्भुत संयम और सद्भावना का परिचय दिया। उनके जन्मदिन पर रक्तदान शिविर का आयोजन कर हिमांशी ने देशवासियों से आतंकवाद के विरुद्ध न्याय...
सकारात्मक संदेश हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सभी दलों द्वारा एकजुट होकर निंदा करना सकारात्मक संदेश है। यह केवल आतंकवाद के खिलाफ एक आवाज नहीं, बल्कि देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए दृढ़ संकल्प...
सख़्त रुख सही भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय समयानुकूल और सराहनीय है। वर्षों से हम दरियादिली दिखाते हुए पाकिस्तान को पानी देते आए हैं, जबकि वह आतंकवाद के माध्यम से हमारे...
कार्रवाई की छूट प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सेना को आतंकवाद से लड़ने और पहलगाम हमले का जवाब देने की खुली छूट दी गई है। तीनों सेनाओं को कार्रवाई की रणनीति तय करने की पूरी स्वतंत्रता है। उन्होंने सेना की...
जिम्मेदारी निभाएं कश्मीरी हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जो मानवता पर कलंक है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को माफ नहीं किया जा सकता। आतंकियों के घाटी में छिपने...
पहलगाम त्रासदी चौबीस अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय में पहलगाम के बैसरन में पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन आरटीएफ द्वारा मासूम पर्यटकों की हत्या का उल्लेख किया गया है। यह घटना 2018 मुंबई हिंसा और 2019 की पुलवामा त्रासदी की...
अपूरणीय क्षति ‘द ट्रिब्यून’ के संपादक रहे और वरिष्ठ पत्रकार हरि जय सिंह का आकस्मिक निधन पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है। वे न केवल एक अच्छे पत्रकार थे, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। हर किसी की मदद करने...
दावों की सच्चाई पहलगाम के बैसरन में सैलानियों पर आतंकी हमला दिल दहलाने वाला है, जो केंद्र सरकार के शांति के दावों की सच्चाई उजागर करता है। हर हमले के बाद बयानबाज़ी होती है, पर हालात जस के तस रहते...
अधिकारियों की अहमियत तेईस अप्रैल के सम्पादकीय में गुरबचन जगत के लेख से प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली की अहमियत स्पष्ट हुई। अच्छे शासन हेतु ईमानदार अधिकारियों की आवश्यकता होती है। भारत के इतिहास में जहांगीर भाभा, डॉ. एमएस रंधावा, सैम...
गरीबों के लिए वरदान ‘बदलेगा मनरेगा’ संपादकीय ट्रिब्यून 21 अप्रैल ने मनरेगा की जो उपयोगिता बताई है वह सही है। मनरेगा ने ग्रामीण भारत को रोजगार देकर गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाई है। कोरोना काल...
मर्यादा का टूटना दुर्भाग्यपूर्ण जहां चरित्र गढ़े जाते हैं, वहां मर्यादा टूटे तो पूरी व्यवस्था पर सवाल उठता है। जेएनयू में एक जापानी शोधार्थी द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों ने सबको स्तब्ध किया। विदेशी छात्रा ने महीनों उत्पीड़न सहने के...
समान न्याय की अपेक्षा देश में न्यायपालिका का कार्य निष्पक्षता और सच्चाई के आधार पर न्याय देना है। एक न्यायाधीश से अपेक्षा होती है कि वह बिना किसी भेदभाव के पीड़ित को न्याय दिलाए। लेकिन जब किसी उच्च पद पर...