मानदेय पर सवाल छब्बीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में 'माननीयों का मानदेय' संपादकीय एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाता है। वर्तमान आर्थिक स्थिति में तर्कसंगत फैसलों की आवश्यकता है ताकि अतिरिक्त वित्तीय बोझ से बचा जा सके। बेरोजगारी, महंगाई और सरकारी विभागों...
मानदेय पर सवाल छब्बीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में 'माननीयों का मानदेय' संपादकीय एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाता है। वर्तमान आर्थिक स्थिति में तर्कसंगत फैसलों की आवश्यकता है ताकि अतिरिक्त वित्तीय बोझ से बचा जा सके। बेरोजगारी, महंगाई और सरकारी विभागों...
न्याय व्यवस्था की साख सत्ताईस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में प्रमोद जोशी का लेख ‘जरूरी है न्याय व्यवस्था की साख कायम रखना’ पढ़कर यह महसूस हुआ कि हाल के समय में न्यायपालिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कई बार...
बिहार के संकट बिहार में राजनीति और राजनेताओं के व्यवहार हमेशा चर्चा का विषय बनते रहते हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रगान के दौरान मुख्य सचिव के साथ हंसते-बोलते देखा गया, जिस पर राजद ने आलोचना की...
कूटनीतिक जवाब दें बाईस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में देवेंद्र शर्मा का लेख ‘सब्सिडी कवच लैस अमेरिकी उत्पादों से व्यापार युद्ध’ भारत की दृष्टि से विश्लेषण करता है। डोनाल्ड ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत भारत को दबाव में...
वन सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी इक्कीस मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 28 नवंबर, 2012 को वनों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए घोषित किया था। वनों और वृक्षों का हमारे जीवन...
इतिहास से सबक उन्नीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘इतिहास के स्याह पक्ष से सबक लेने का वक्त’ औरंगजेब के क्रूर शासन से सीखने की बात करता है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब पर राजनीति करने के...
समाज जिम्मेदारी निभाए हम पर्यटन को बढ़ावा देने की बातें कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर, यौन हिंसा और विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और हम इन्हें नियंत्रित करने में नाकाम हैं। हमारा रवैया...
नफरती मंसूबे हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्वामीनाथन मंदिर पर हमले के साथ अपवित्रता की घटना भी हुई। इसके अलावा, विदेश मंत्री जयशंकर के काफिले पर ब्रिटेन में हमले और नारेबाजी के साथ उच्चायुक्त भवन से तिरंगा निकालने...
समरसता का पर्व चौदह मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में नरेश कौशल ने अपने लेख ‘भारतीय समरसता की सतरंगी संस्कृति का उत्सव’ में भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों, उसकी विविधता और समरसता को बहुत सुंदर रूप में प्रस्तुत किया है। होली...