शिमला, 23 मार्च (निस)
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार द्वारा राज्य में चल रही पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाए जाने के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा द्वारा भौहें चढ़ाए जाने के बाद हिमाचल ने भी इन दोनों राज्यों को आंखें दिखाई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि हिमाचल को अपनी सीमा में पानी पर वाटर सेस लगाने का पूरा अधिकार है, क्योंकि पानी राज्य का विषय है। उन्होंने साफ किया कि हिमाचल में वाटर सेस अपने राज्य में बनी पनबिजली परियोजनाओं पर लगाया है, न कि पंजाब और हरियाणा की सीमा में बहने वाले पानी पर। ऐसे में पंजाब सरकार का यह कहना कतई तर्कसंगत नहीं है कि हिमाचल सरकार का वाटर सेस लगाना गैर-कानूनी है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य नहीं है, जिसने पनबिजली परियोजनाओं में उपयोग हो रहे पानी पर वाटर सेस लगाया है। इससे पहले वर्ष 2013 में उत्तराखंड और वर्ष 2010 में जम्मू-कश्मीर ने भी अपने-अपने राज्य में वाटर सेस एक्ट पारित किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पहाड़ी राज्य है और यहां आय के सीमित साधन हैं। ऐसे में राज्य को अपने आय को स्रोतों को बढ़ाने का पूरा अधिकार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पानी राज्य का विषय है।
विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, वॉकआउट
हिमाचल विधानसभा में वीरवार को विपक्ष ने एक बार फिर जबरदस्त हंगामा कर सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष ने यह हंगामा और वॉकआउट मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा सदन में राज्य के वर्ष 2023-24 के बजट पर तीन दिनों तक हुई चर्चा के जवाब से असंतुष्ट होकर किया। इस दौरान पूरा विपक्ष सदन के बीचोंबीच आ गया और जोरदार नारेबाजी की। सुक्खू का जवाब आरंभ होने के कुछ ही देर बाद जब उन्होंने प्रदेश की 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए मासिक भत्ता देने की बात कही, तो पूरा विपक्ष अपनी सीटों पर खड़ा हो गया और सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगने लगा। इस दौरान दोनों ही पक्षों की ओर से भारी शोरगुल आरंभ हो गया और मुख्यमंत्री का भाषण सुनाई नहीं दिया। विपक्ष इस दौरान अपनी बात रखने के लिए समय देने की मांग करता रहा, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा। इस पर पूरा विपक्ष अपनी सीटों से उठकर सदन के बीचों बीच आ गया और काफी देर नारेबाजी करने के बाद पूरा विपक्ष वॉकआउट कर सदन से बाहर चला गया।
‘सरकार चार साल में पूरी करेगी सभी गारंटियां’
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि कांग्रेस द्वारा दी गई 10 गारंटियां पांच सालों के लिए है और सरकार इन्हें अगले चार सालों में पूरा करेगी। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान यह भी कहा कि कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तार से किसी भी गरीब का घर उजड़ने नहीं देगी और इस हवाई अड्डे के विस्तार से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए पुनर्वास के लिए पुनर्वास योजना लाएगी। 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने की सरकारी की गारंटी को लेकर पूछे गए एक संयुक्त सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस ने गारंटियां सोच समझ कर दी हैं और इन्हें पूरा भी किया जाएगा। यही नहीं, अगले चार सालों में गारंटियों को पूरा करने के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आम जनता से जुड़ी किसी भी योजना को बंद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार जरूरत के मुताबिक संस्थान खोलेगी। उन्होंने कहा कि बजट में इसकी एक झलक भी विपक्ष को नजर आएगी, यदि वह देखने की कोशिश करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा आरंभ की गई 125 यूनिट निशुल्क बिजली की योजना यथावत जारी है।
और इस योजना पर चालू वित्त वर्ष में 1044 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं और इनमें से 300 करोड़ रुपए की सब्सिडी मौजूदा सरकार ने अपने शासनकाल के सौ दिन के कार्यकाल में जारी की है।