किताबें मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। किताबों का मनुष्य से पुराना नाता है। पुराने समय से ही मानव किताबों को पढ़ता और लिखता रहा है। किताबों के जरिए ही हमें इतिहास की जानकारी मिली है। आज हम तरह-तरह की तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं, इनका विकास भी किताबों को पढ़ने से ही हुआ है। आपने देखा होगा कि दुनिया में जितने भी सफल लोग हुए हैं, उनकी सफलता किताबों से होकर ही गुजरी है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के कारण हम किताबों से दूर होते जा रहे हैं। आज हमें कुछ भी जानना या सीखना होता है तो हम गूगल और यूट्यूब का सहारा लेते हैं। अगर इनका सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह गलत भी नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में काफी ध्यान भटकाने वाली चीज़ें होती हैं। जो ज्ञान हमें किताबों से मिल सकता है, वह अमूल्य होता है। किताबों के माध्यम से हम बहुत-सी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे- दुनिया में क्या चल रहा है यानी करेंट अफेयर्स, नयी तकनीक, बिजनेस आइडिया, व्यक्तित्व निर्माण आदि चीज़ें हम किताब पढ़ कर सीख सकते हैं। किताब पढ़ने के कुछ तरीके हैं या यूं कहें पढ़ने की तैयारी आप इस तरह से कर सकते हैं, जैसे कि पहले बाहर जाकर टहलना, पढ़ने की डेस्क को ठीक करना। पढ़ाई में दिलचस्पी लेना। पढ़ने के बाद अपने आप को गिफ्ट देना। यानी किताब विशेष से आपको जो प्राप्त हुआ, उसका मंथन कर प्रसन्न होना।
किताब पढ़ने के अनेक फायदे हैं, जैसे-किताब पढ़ने से दिमाग तेज होता है। किताब पढ़ने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। सही शब्दावली का विकास होता है। किताब पढ़ने से एकाग्रता बढ़ती है। किताब अकेलेपन को दूर करती है। यानी किताबें मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। पहले जमाने में लोग अपने बुजुर्गों के पास बैठा करते थे और वो उन्हें पुरानी बातें, कहानियां और अपने तजुर्बे बताया करते थे। एक तरह से वो हमारी किताब हुआ करते थे। लेकिन आज के दौर में ना किताबों का महत्व रहा और ना ही बुजुर्गों की इतनी अहमियत रही। सही मायनो में एक दोस्त की तरह किताबें हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। क्यों ना हम फिर से किताबों से दोस्ती कर लें, इनके साथ समय बिताने पर हमें अफसोस नहीं बल्कि खुशी होती है। बिल्कुल एक सच्चे दोस्त की तरह ये हमें खराब परिस्थिति में भी आगे बढ़ने का साहस देती हैं। ये हमारे व्यक्तित्व को निखारती हैं और हमें एक बेहतर इनसान बनने में मदद करती हैं।
साभार : अच्छी बातें डॉट कॉम