भूपेन्द्र भारतीय
श्रीमान के पास एक से बढ़कर एक ‘मास्टर प्लान’ हैं। वे पिछले जन्म में नगर सभ्यता के बड़े कर्ताधर्ता रहे होंगे। हमारे नगर का कैसा भी विकास हो, उनके पास सभी विकास कार्यों के लिए स्मार्ट ‘मास्टर प्लान’ हैं। मास्टर प्लान के क्रियान्वयन में नगर दसों दिशाओं से खुला रहता है। लगता है नगर कुछ ही दिनों में विकास की चरम सीमा पर पहुंचने वाला है। हर नगर ‘‛स्मार्ट सिटी’ बनने ही वाला है। ऊपर से श्रीमान के सर पर विकास पुरुष का साफा पहले से ही बंधा हुआ है।
श्रीमान विकास पुरुष ऐसे ही नहीं बने हैं, उन्होंने पहले बड़े-बड़े मास्टर प्लान को अपने भागीरथ प्रयासों से इस पुण्य सलिला नगर सभ्यता में उतारा है। उसके बाद ही हमारे हर नगर में चारों ओर जल का जलजला हो रहा है। बच्चों के लिए इस मास्टर प्लान की बदौलत ही श्रीमान ने प्राकृतिक तरणताल बनाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। जलमग्न नगर में बच्चे कागज की नाव चलाकर नगर भ्रमण का आनंद आसानी से व नि:शुल्क उठा रहे हैं। नगर में वाहनों की कम आवाजाही से ट्रैफिक समस्या भी श्रीमान के मास्टर प्लान के कारण स्वतः ही समाप्त हो गई है।
वर्षा जल का संरक्षण श्रीमान के मास्टर प्लान के कारण ही नगर में ही संरक्षित हो जाता है। ‘मजाल कि बारिश का पानी नगर के बाहर निकल जाए!’ भला जल प्रबंधन का ऐसा मास्टर स्ट्रोक दुनिया में कहीं ओर देखने को मिल सकता है? मास्टर प्लान के कारण पूरा नगर पर्यटन की दृष्टि से दर्शनीय बन गया है। मुझे तो कभी-कभी लगता है कि हमारे श्रीमान के इन मास्टर प्लानों के कारण हमारे नगर स्वर्ग के नगरों से भी अच्छे ही बनने वाले हैं। आखिर क्या कमी है नगर में? चारों ओर बड़े-बड़े ओवरब्रिज बनते जा रहे हैं। मॉल संस्कृति ने नगरीय सभ्यता में क्रांति ला दी है। एक गाड़ी में से उतरे तो दूसरी चढ़ने के लिए पहले से ही खड़ी है। पैदल चले भी तो कैसे?
श्रीमान का स्मार्ट मास्टर प्लान सरकार चलाने में भी बहुत काम आता है। राज्य सरकार मास्टर प्लान के लिए केन्द्र सरकार से उम्मीद रखती है। मंत्री जी मास्टर प्लान के लिए राज्य सरकार से उम्मीद रखते हैं। नगर का प्रथम नागरिक मास्टर प्लान के लिए मंत्री जी से उम्मीद रखता है। पार्षद-पति मास्टर प्लान के लिए नगर के प्रथम नागरिक से उम्मीद रखते हैं। वार्ड के युवा नेता मास्टर प्लान के लिए पार्षद-पति से उम्मीद रखते हैं। ‘केंद्र से लेकर नगर वार्ड तक सब एक-दूसरे से उम्मीद रखते हैं!’ और ऐसे ही सरकार चलती रहती है।
श्रीमान के मास्टर प्लान के कारण महानगर में भी जलक्रीड़ा आयोजन करने वालों की चांदी हो गई है। महानगर की मुख्य सड़कें जलमग्न हैं, पर नाव वालों की चांदी हो गई है! श्रीमान रोजगार के लिए गजब का मास्टर स्ट्रोक लाये हैं। हो सकता है यातायात के लिए कुछ ही दिनों में हवाई सेवाएं ही बचें। कोरोना के कारण बच्चों की पहले से मौज-मस्ती थी और ऊपर से मास्टर प्लान के कारण विद्यालय की छुट्टियां और आगे बढ़ गई हैं। मास्टर प्लान के कारण नवनिर्मित जलमार्ग पर नगर के प्रेमी-युगल नाव चलाते हुए जलक्रीड़ा का आनंद ले रहे हैं।