एक बार ग्रीस में लोकप्रिय नेता का भाषण हुआ। एक युवक उस भाषण को सुनकर आंदोलित हो गया। यह युवा डेमोस्थनीज़ था जो ग्रीस में सबसे अच्छा वक्ता बनना चाहता था। वह राजनीति में रुचि रखता था। कठिनाई यह थी कि वह संकोची था, हकलाता था व घबराता था। लेकिन संकल्प लेकर अगले दिन जब सूर्य की पहली रोशनी निकली तो वह समुद्र तट पर गया। वहां वह अपनी सारी शक्ति के साथ लहरों को संबोधित कर देर तक बोलता रहा। उसका लक्ष्य अपने आत्मविश्वास को मजबूत करना था। इस अभ्यास करने के बाद वह घर लौट आया। अब, हकलाने से बचने के लिए उसने अपने मुंह के बीच एक मुट्ठी पत्थर रखे और अपने दांतों के बीच चाकू रख लिया। अतः उसने बिना हकलाए अपनी बात कहने में महारत हासिल की। इस प्रशिक्षण ,अनुशासन के साथ कुछ समय के बाद ही, डेमोस्थनीज सार्वजनिक रूप से धाराप्रवाह बोलने में कामयाब रहे। उन्होंने अपने शहर के कानूनी और राजनीतिक जीवन में सक्रिय रूप से भाग लिया। कहा जाता है कि उनके भाषणों को हजारों लोगों ने सराहा। वह न केवल सर्वश्रेष्ठ वक्ता बल्कि एक उत्कृष्ट लेखक भी थे। इतना ही नहीं, वे इतिहास में सबसे उत्कृष्ट वक्ताओं में से एक हैं।
प्रस्तुति : पूनम पांडे