विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इंग्लैंड के प्रधानमंत्री थे। वह एक नोबेल पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ और प्रखर वक्ता के साथ-साथ, इतिहासकार, लेखक और कलाकार भी थे। चर्चिल के बारे में कहा जाता है कि प्रतिदिन 18 घंटे काम करते थे। एक बार उनसे किसी ने पूछा, ‘क्या कभी आपके ऊपर चिंता हावी नहीं होती है।’ चर्चिल ने जवाब दिया, ‘चिंता आलसी निष्क्रिय मन की बीमारी है, जो आलसी होते हैं, वह भय, दुख, क्लेश से पीड़ित रहते हैं। मेरे पास इतना काम है कि चिंता करने का समय ही नहीं मिल पाता। इसलिए चिंता मुझ पर हावी नहीं होती।’
प्रस्तुति : मधुसूदन शर्मा