लाला लाजपतराय राष्ट्रभक्त स्वतंत्रता सेनानी तो थे ही, वहीं उनका मानवता की सेवा का संकल्प सदैव ऊंचा रहा। यह उन्नीसवीं सदी के अंतिम दशक की बात थी। देश में भयानक अकाल की छाया पड़ी। खासकर मध्य भारत इसकी चपेट में आ गया। लाखों लोगों और पालतू जानवरों का जीवन संकट में पड़ गया। यह सब देखकर लाला लाजपतराय अपने सहयोगियों को लेकर मध्य भारत में अकाल पीड़ितों की सेवा में जुट गये। सेवा के दौरान लाला लाजपतराय यह देखकर दुखी हुए कि अन्य धर्मों के लोग हिंदू अनाथों का धर्म परिवर्तन कर रहे हैं और अपने धर्म के अनाथालय में ले जा रहे हैं। संकट में अवसर तलाशने वाली मिशनरियों के कृत्यों से आहत होकर लाला लाजपतराय ने लाहौर में आर्य अनाथालय की स्थापना की और अकाल पीड़ित इलाकों से सैकड़ों बच्चों को इन अनाथालयों में नया जीवन दिया। लाला लाजपतराय का मानना था कि आर्य का अर्थ श्रेष्ठ होता है अत: सच्चे आर्य के हृदय में मानवता के प्रति करुणा होनी आवश्यक है।
प्रस्तुति : मधुसूदन शर्मा