दुबई, 4 दिसंबर (एजेंसी)
ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य रूप से पहनने की सरकारी नीति के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच रविवार को नया मोड़ आता दिखा। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार से देश में तीन दिन की हड़ताल का अाह्वान किया। दूसरी तरफ, सरकार पर बढ़ते दबाव के बाद ईरान के प्रॉसिक्यूटर जनरल ने कहा कि देश की ‘मोरैलिटी पुलिस’ को भंग कर दिया गया है। हालांकि, ईरान में कानून लागू करने वाले आंतरिक मंत्रालय ने इस बयान की पुष्टि नहीं की। ईरान के सरकारी मीडिया ने कहा है कि प्रॉसिक्यूटर जनरल मोहम्मद जफर मॉन्ताजेरी के पास पुलिस बल की जिम्मेदारी नहीं है।
गौर हो कि 22 वर्षीय महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। सितंबर से जारी इन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। महसा अमीनी को कथित तौर पर हिजाब नियम तोड़ने पर मोरैलिटी पुलिस ने हिरासत में लिया था और बाद में उनकी मौत हो गई।
इन प्रदर्शनों के बावजूद शीर्ष ईरानी अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि तेहरान इस्लामी गणराज्य की अनिवार्य हिजाब नीति को नहीं बदलेगा। प्रदर्शनकारियों ने देश के कट्टर धार्मिक शासकों को चुनौती देने के लिए तीन दिन की आर्थिक हड़ताल करने और बुधवार को तेहरान के आजादी चौराहे पर रैली करने का आह्वान किया है। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी उसी दिन विद्यार्थी दिवस के मौके पर तेहरान में विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे।
एचआरएएनए न्यूज एजेंसी के अनुसार, शनिवार तक 64 नाबालिगों समेत 470 प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों के 61 जवान मारे जा चुके हैं, 18210 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस्राइल के लिए जासूसी करने पर चार लोगों को फांसी
तेहरान (एजेंसी) : इस्राइल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ के लिए काम करने के आरोप में चार लोगों को ईरान में रविवार को फांसी दी गई। वहीं, तीन अन्य को लंबी कैद की सजा सुनाई गई है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने बताया कि ईरान की रेवलूशनरी गार्ड
(सशस्त्र बल) ने इस्राइली एजेंसी से जुड़े लोगों के एक नेटवर्क को पकड़ने की जानकारी दी थी। उसने कहा कि इन लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड है और उन्होंने देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। एजेंसी की खबर में कहा गया है कि इन कथित जासूसों के पास हथियार थे और उन्हें ‘क्रिप्टोकरेंसी’ के रूप में मोसाद से मेहनताना मिलता था।
ईरान में परमाणु संयंत्र का निर्माण शुरू
काहिरा (एजेंसी) : ईरान ने शनिवार को देश के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में एक नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। ईरान के सरकारी टीवी ने यह खबर दी। विश्व शक्तियों के साथ इस्लामिक गणराज्य के परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद ईरान पर लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न तनाव के बीच यह निर्माण शुरू हुआ है। यह घोषणा ऐसे वक्त आई है जब पुलिस की हिरासत में एक युवती की मौत के बाद देश भर में शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों से ईरान हिल गया है। देश की सरकारी टेलीविजन और रेडियो एजेंसी ने बताया कि ‘करून’ नाम के 300 मेगावाट के नए संयंत्र को बनने में आठ साल लगेंगे और इस पर करीब दो अरब अमेरिकी डॉलर की लागत आएगी। इसने कहा कि यह संयंत्र ईरान के तेल समृद्ध खुजेस्तान प्रांत में इराक के साथ लगती इसकी पश्चिमी सीमा के पास स्थित होगा। संयंत्र के शिलान्यास समारोह में ईरान के असैन्य परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने भाग लिया, जिन्होंने पहली बार अप्रैल में ‘करून’ के लिए निर्माण योजनाओं की शुरुआत की थी। ईरान के बुशहर के दक्षिणी बंदरगाह पर एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है तथा कई भूमिगत परमाणु केंद्र भी हैं।