वाशिंगटन, 5 दिसंबर (एजेंसी)
ट्रंप प्रशासन के फैसले को पलटते हुए संघीय अदालत ने नाबालिग अवस्था में बिना दस्तावेज देश में दाखिल हुए अप्रवासियों को निर्वासन से बचाने के लिए लागू योजना (डीएसीए) को बहाल करने का आदेश दिया है। अदालत के इस फैसले से भारतीय प्रवासियों को लाभ होगा।
ट्रंप प्रशासन ने 2017 में बाल्यकाल में आए लोगों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित करने की योजना (डीएसीए) को खत्म करने की कोशिश की थी लेकिन अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने इस कोशिश को जून में बाधित कर दिया था। अमेरिका के न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला जज निकोलस गरौफिस ने शुक्रवार को आतंरिक सुरक्षा विभाग को डीएसीए लाभार्थियों पर कार्रवाई स्थगन की अवधि दो साल और बढ़ाने और सोमवार से नये आवेदन स्वीकार करने के निर्देश दिए। इसका अभिप्राय है कि सितंबर- 2017 के बाद पहली बार वे लोग नये सिरे से आवेदन कर सकेंगे जो पहले इसके लिए पात्र नहीं थे। यह योजना उन अवैध अप्रवासियों को निर्वासन से सुरक्षा मुहैया कराती है जो अमेरिका में बच्चे के तौर पर दाखिल हुए थे। न्यायाधीश गरौफिस ने अपने आदेश में लिखा कि अदालत मानती है कि यह अतिरिक्त राहत तर्कसंगत है। उल्लेखनीय है कि डीएसीए कर्यक्रम के तहत 6,40,000 लोग पंजीकृत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 6,30,000 भारतीय बिना दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं। प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि अदालत ने ओबामा कार्यकाल की योजना को बरकरार रखा है जो अमेरिकी मूल्यों और अमेरिकी लोगों की इच्छा का सम्मान है।