तेल अवीव, 22 मई (एजेंसी)
नॉर्वे, आयरलैंड और स्पेन ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बुधवार को फलस्तीन को देश के तौर पर मान्यता देने का फैसला किया। उसके इस कदम से गाजा में हमास के खिलाफ सात महीने से चल रहे युद्ध में इस्राइल अलग-थलग पड़ सकता है। यह घोषणा तब की गयी है जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) के मुख्य अभियोजक इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके रक्षा मंत्री के लिए गिरफ्तारी वारंट की मांग कर रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) नरसंहार के आरोपों पर विचार कर रही है जिसे इस्राइल ने सख्ती से खारिज किया है।
फलस्तीन को औपचारिक तौर पर देश के रूप में मान्यता 28 मई को दी जाएगी। फलस्तीन ने इस घोषणा का स्वागत किया है। इसके जवाब में इस्राइल ने तीनों देशों से अपने राजदूतों को वापस बुलाया है और इन देशों के राजदूतों को तलब किया है। उसने यूरोपीय देशों पर आतंकवादी समूह हमास को सात अक्तूबर को किए उसके हमले के लिए इनाम देने का आरोप लगाया है।
नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनस गार स्तूर ने कहा, ‘अगर मान्यता नहीं दी गयी तो पश्चिम एशिया में शांति स्थापित नहीं हो सकती।’’ उन्होंने कहा कि नॉर्वे 28 मई तक फलस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दे देगा।’