रोहतक, 5 मई (निस)
कोरोना महामारी में निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से मनमाने रेट वसूलने के बाद अब निजी लैब संचालकों द्वारा भी टेस्ट के दो से तीन गुणा रेट वसूलने का मामला सामने आया है। शहर के किसी भी निजी लैब पर टेस्ट की निर्धारित रेटलिस्ट तक नहीं लगाई गई है। महामारी का फायदा उठाते हुए निजी लैब संचालक मरीजों से कई गुणा दाम वसूल रहे हैं। सीटी स्कैन व एमआरआई के रेट भी अलग-अलग हैं। सीटी स्कैन के लिए पांच हजार तो एमआईआई के लिए आठ हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि पीजीआई में पीपीपी मोड़ पर लगाई गई लैब में यह टेस्ट 1200 से 1500 रुपये में हो जाते हैं। कोरोना की जांच को लेकर भी किसी भी लैब ने रेट निर्धारित नहीं कर रखे है। 500 रुपये से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक मरीजों से वसूल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। हालांकि तीन दिन पहले निजी अस्पतालों को लेकर तो स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि ईलाज के नाम निर्धारित रेटों से अधिक रुपये वसूलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इन लैबों पर किसी का ध्यान नहीं गया।