भिवानी, 27 जनवरी (हप्र)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर गणतंत्र दिवस के दिन ऐतिहासिक किसान परेड में बढ़-चढ़कर भाग लेने पर विभिन्न खाप, सामाजिक, कर्मचारी व किसान संगठनों ने क्षेत्रवासियों का आभार जताया है। कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने पर वक्ताओं ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च के बाद किसान परेड में उमड़े जन मानस ने सरकार को आईना दिखा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं आगे आकर तीन कृषि कानून रद्द करने के साथ एमएसपी की गारंटी देने के लिए संसद के बजट सत्र में घोषणा करनी चाहिए।
वक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने कल कई जगह किसान परेड में ना केवल व्यधान डाला अपितु लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया जो बेहद निंदनीय है। लोकतंत्र में लाठी गोली के दम पर जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। इन घटनाओं के बावजूद किसानों ने शांतिपूर्ण ढंग से किसान परेड निकाल सरकार को चेताने का काम किया। उन्होंने कहा कि लाल किले के घटनाक्रम में सरकारी षड्यंत्र की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। जो कोई ऐसा कृत्य करेगा वो हमारा हितैषी नहीं हो सकता और उससे हमारा कोई नाता नहीं होगा।
इस मौके पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि किसान परेड ने सरकार को दिखा दिया है कि कोई भी ताकत देश के अन्नदाताओं को झुका नहीं सकती। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन गया है।
टोल रहा फ्री
कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने के 34वें दिन नरसिंह डीपीई, बलवंत नंबरदार, रणधीर कुंगड़, मास्टर राजसिंह, गंगाराम श्योराण, राजू मान, सुभाष यादव ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने के चलते आज भी टोल फ्री रहा। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेश फौगाट, धर्मेन्द्र छपार, बलबीर बजाड़, कमलेश भैरवी, बीरमति डोहकी, कृष्णा सांगवान इत्यादि मौजूद थे।
किसानों, कर्मचारियों ने की लाल किले की घटना की निंदा
हिसार (हप्र) : गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसक घटना की किसान नेताओं सहित भाजपा नेताओं व कर्मचारी नेताओं ने निंदा की। हालांकि किसान व कर्मचारी नेताओं ने इसके पीछे सरकार की साजिश करार दी, वहीं भाजपा नेताओं ने कहा कि उपद्रवियों और देश विरोधी ताकतों के मंसूबे एक जैसे हैं।
किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार व प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा ने कहा कि हिंसा के पीछे किसान आंदोलनकारियों का कोई सरोकार नहीं है। जिस तरीके से इनको आसानी से चोर रास्ते के द्वारा सीधा लाल किले तक जाने की खुली परमिशन दी गई, उससे तो यह लगता है कि दिल्ली पुलिस और उच्च स्तर पर केंद्रीय सरकार इस सारे कांड में योजनाबद्ध तरीके से संलिप्त हैं।
हिसार के नागोरी गेट स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा के पूर्व सचिव जसवंत सिंह भुल्लर ने कहा कि दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल पर उपद्रव कर राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर जेलों में डाला जाना चाहिए। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई घटना बहुत ही निंदनीय है, लेकिन इस घटना के लिए अकेले किसानों या किसान नेताओं को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है।
भाजपा जिलाध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस किसान परेड का उद्देश्य किसान हित नहीं बल्कि पाकिस्तान, चीन व अन्य राष्ट्रविरोधी ताकतों को गदगद करना था और इसमें शामिल किसान नहीं बल्कि देशविरोधी थे।
हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि इस घटना से एनआईए की सभी खुफिया रिपोर्ट भी एकदम सही साबित कर दिया है जिसमें कहा गया था कि किसानों के नाम पर किए जा रहे आंदोलन को देश को तोड़ने वाली ताकतें फंडिंग कर रही हैं।
लाल किले की घटना निंदनीय : ग्रोवर
रोहतक (निस) : पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने प्राचीन लाल किले सहित दिल्ली के बाहर और अंदर हुई घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। ग्रोवर ने कहा कि तिरंगे का अपमान किसी भी सूरत में सहन नहीं होगा। केंद्र सरकार को ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने दिल्ली के अंदर और बाहर आंदोलन को हिंसक बनाने का काम किया। उन्होंने अन्नदाताओं से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि किसी के हाथों की कठपुतली ना बनें।
भाजपा जिला अध्यक्ष अजय बंसल, मेयर मनमोहन गोयल, वरिष्ठ नेता सतीश नांदल ने भी कहा है कि दिल्ली में जो कुछ हुआ वह बहुत ही निंदनीय है।
इन्हें किसान नहीं कह सकते : राजेश नागर
बल्लभगढ़ (निस) : जब देश अपना गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा था, उस समय कुछ लोग देश विरोधी गतिविधि की योजना बना रहे थे और उन्होंने ठीक 26 जनवरी के दिन लाल किले की प्राचीर पर कब्जा कर लिया। क्या इन्हें किसान कहा जा सकता है। यह बात तिगांव से भाजपा विधायक राजेश नागर ने बयान में कही। श्री नागर ने कहा कि करीब दो महीने से किसानों के नाम पर जो भी हो रहा है, उसे पूरा देश और दुनिया देख रही है और कुछ लोग किसानों की आड़ में अपने मंसूबे पूरा करना चाहते हैं। वे देश तोड़ने और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका किसानों से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
लाल किले पर झंड़ा फहराना पूरे देश का अपमान : अरविंद शर्मा
रोहतक (निस) : भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि लाल किले पर असामाजिक तत्त्वों द्वारा इस तरह झंड़ा फहराना पूरे देश का अपमान है और जिसे देश की जनता माफ नहीं करेगी। सांसद ने कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में असामाजिक तत्वों ने माहौल खराब कर हिंसा का रास्ता अपनाया है, जोकि गलत है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने संयम से काम लिया है, वरना भारी संख्या में जान-माल का नुकसान हो सकता था। उन्होंने कहा कि यह साफ हो चुका है कि किसानों के आंदोलन के नाम पर ओच्छी राजनीति की जा रही है, जोकि न तो किसानों के हित में है और ना आमजन के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि अब तो किसान नेताओं ने भी माना है कि आंदोलन में असामाजित तत्त्व घुसे और उन्होंने उपद्रव किया।
हिंसा के लिए सरकार जिम्मेदार : कृष्णमूर्ति हुड्डा
रोहतक (निस) : प्रदेश के पूर्व मन्त्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने कहा कि किसान आन्दोलन के दौरान जो हिंसा हुई उसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि एक पूर्व नियोजित ढंग से केन्द्र सरकार ने किसानों को बदनाम करने के लिए कुछ असामाजिक तत्वों को आन्दोलन में भेज कर हिंसा करवाई है। केन्द्र सरकार को आन्दोलन में मरने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में मनोहर सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है। हरियाणा के इतिहास में पहली बार गणतंत्र दिवस पर मुख्यमन्त्री व मन्त्रियों को झण्डा फहराने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा है।
दिल्ली हिंसा की निंदा
नूंह/मेवात (निस) : किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आयोजित ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हिंसा पर भाजपा जिला अध्यक्ष नरेन्द्र पटेल व जिला भाजपा मीडिया प्रभारी मनीष जैन ने कहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दिल्ली में दंगा फैलाने, सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने व पुलिस जवानों पर जानलेवा हमला के अलावा लाल किले का अपमान करने की वह कड़े शब्दों मेंं निंदा करते हैं और ऐसे समाज विरोधियों पर वह कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। इस मौके पर जाहिद हुसैन, पूर्व पार्षद हाजी अयुब, मोहम्मद जैद, रहीस हुसैन, बीरपाल आदि भी मौजूद रहे।