हरीश लखेड़ा/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 24 नवंबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से कोरोना के टीकाकरण को लेकर तैयारी शुरू करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने यहां मंगलवार को मुख्यमंत्रियों को वैक्सीन को लेकर केंद्र की तैयारियों की जानकारी देने के साथ ही कोरोना को लेकर आगाह भी किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ वैक्सीन के भरोसे मत बैठिए। वैक्सीन कब आएगी, यह वैज्ञानिकों के हाथ में है। इसलिए अभी संक्रमण रोकने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना को लेकर लापरवाही बढ़ी है, इसलिए अभी सतर्कता बरतनी होगी, अन्यथा कहीं ऐसी स्थिति पैदा न हो जाए कि कहना पड़े कि कश्ती भी वहां डूबी, जहां पानी कम था।
मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने नागरिकों को जो भी वैक्सीन देगा, वह हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी। वैक्सीन आने के बाद हमारी प्राथमिकता यही होगी कि यह सभी तक पहुंचे। टीके के वितरण की रणनीति को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्रियों से अपने सुझाव लिखित में देने को कहा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन वितरण का फैसला राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। मोदी ने कहा कि कोरोना टीकाकरण का अभियान लंबा चलने वाला है, इसलिए राज्यों को इस पर काम शुरू कर देना चाहिए कि कितनी अतिरिक्त कोल्ड स्टोरेज की जरूरत रहेगी। मोदी ने कहा कि राज्यों से इस मामले में स्टीयिरंग कमेटी गठित करने को कहा गया था। अब राज्यों को ब्लॉक स्तर तक कमेटी बनानी चाहिए। इन कमेटियों को ट्रेनिंग देकर तैयारी शुरू कर लेनी चाहिए।
केजरीवाल ने उठाया पराली प्रदूषण का मुद्दा : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से एक हजार अतिरिक्त आईसीयू बेड की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रदूषण के मामले में दखल देने की अपील की। केजरीवाल ने प्रदूषण को दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर के कारणों में से एक बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री से पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से होने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए दखल देने का आग्रह किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से राज्यों का जीएसटी का बकाया पैसा जारी करने की मांग की।
राहुल पर तंज- राजनीति कर रहे कुछ लोग
कोरोना के कहर से सबसे ज्यादा जूझ रहे 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक कर मोदी ने कहा कि वैक्सीन कब आएगी, इसका वक्त हम तय नहीं कर सकते, यह वैज्ञानिकों के हाथ में है। इसलिए हालात खराब होने से बचाने के लिए प्रयास तेज करने होंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि कुछ लोग कोरोना मामले में राजनीति कर रहे हैं, लेकिन किसी को राजनीति करने से नहीं रोका जा सकता। माना जा रहा है कि मोदी का यह तंज कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए था। इस वर्चुअल समीक्षा बैठक में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्री शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यूरोप-अमेरिका में फिर से मामले बढ़े हैं, ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
6 दिन बाद नये मामले 40 हजार से कम
नयी दिल्ली (एजेंसी) : देश में 6 दिन बाद कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों का आंकड़ा 40 हजार से नीचे रहा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 37975 नये मामले आये, जबकि 42314 मरीज ठीक हुए। इस अवधि में 480 संक्रमितों की मौत हो गयी। कोरोना के कुल मामले 91.77 लाख के पार पहुंच गये हैं। इनमें से 86 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। मृतकों की संख्या बढ़कर 1,34,218 हो गयी है। मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 93.76 फीसदी और मृत्यु दर 1.46 फीसदी है। करीब 4.38 लाख लोग उपचाराधीन हैं, जो कुल मामलों का 4.78 फीसदी है।
संक्रमण दर 4 फीसदी से कम : देश में कोरोना के 13.36 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। इनमें से 10.99 लाख टेस्ट सोमवार को किए गये। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार रोजाना औसतन 10 लाख से अधिक जांच के साथ संक्रमण दर निचले स्तर पर है। प्रति 10 लाख आबादी पर जांच की संख्या बढ़कर 96,871 हो गयी है। मंत्रालय ने बताया, ‘कुल मामलों के हिसाब से संक्रमण दर 6.87 फीसदी है, जबकि रोजाना की संक्रमण दर घटकर 3.45 फीसदी हो गयी है। जांच की संख्या बढ़ाने के कारण संक्रमण दर में गिरावट आयी है।’
सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को लगेंगे टीके
नयी दिल्ली (एजेंसी) : देश में कोरोना का टीका जब भी उपलब्ध होगा, वह सबसे पहले करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यों को डॉक्टरों, एमबीबीएस छात्रों, नर्सों और आशा कार्यकर्ताओं आदि सहित अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की पहचान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है, ताकि यह प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी की जा सके। सूत्रों के अनुसार देशभर के 92 फीसदी सरकारी अस्पतालों और 55 फीसदी निजी अस्पतालों ने आंकड़े मुहैया कराए हैं। अन्य जानकारियां अगले सप्ताह तक आ जाएंगी। राज्य की मदद से केंद्र ने प्राथमिकता वाले लगभग 30 करोड़ लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू की है।